एक तरफ दुनियाभर ने कोरोना वाय’रस के कार’ण लाखों करोड़ों लोगों की जान जा रही है तो वहीं भारत सरकार द्वारा वाय’रस से बचने के लिए लगाए लॉकडाउन से देश के कई गरीब मजदूर जूझ रहे हैं। गरीब मजदूरों को अब तक किसी भी तरह की मदद नहीं मिल पाई है। लॉकडाउन के कार’ण सब बंद होने से गरीब लोग काम नहीं कर पा रहे हैं जिसकी वजह से उनका गुज़ारा होना मुश्किल हो रहा है। बता दें कि देश की राजधानी दिल्ली में ही करीब 150 से अधिक मजदूर और उनके परिवा’र वाले भूख से परेशान हैं। साउथ दिल्ली के छत्तरपुर स्थित फतेहपुर बेरी के चंदन होला इलाके के एक मजदूर और उसके परिवा’र ने कहा कि पिछले चार दिनों से इन लोगों ने खाना नहीं खाया है। गरीब मजदूर का कहना है कि वह सभी रोज़ाना काम करके पैसे कमाते हैं जिससे उनका गुज़ारा हो पाता है। लेकिन सब कछ बन्द होने के कार’ण अब उन्हें काम नहीं मिल रहा है और घर में भी खाने के लिए कुछ नहीं है।
साथ ही उन्होंने बताया कि उनका राशन कार्ड भी नहीं है, जिससे कि वह राशन का लाभ उठा सकें। उन्होंने कहा कि वह यूपी और बिहार से आकर यहां रोज़ाना मेहनत मजदूरी करके अपना घर चलाते हैं। लेकिन दिल्ली में जनता कर्फ्यू के बाद लॉकडाउन होने के कार’ण यह लोग अपने गांव भी नहीं जा सकते हैं और ना ही कोई काम कर सकते हैं। इतना ही नहीं बल्कि इनके पास पैसे भी नहीं है जिससे लॉकडाउन के खत्म होने तक वह अपना पेट पाल सकें। वहीं भूख के कार’ण बच्चे ने रोते हुए कहा कि “मैं 4 दिनों से भूखा हूं मुझे खाने के लिए कुछ भी नहीं मिल रहा है। पिताजी मार्केट में जाते हैं तो पुलिस वाले उनको मारकर भगा देते हैं।”
सरकार द्वारा किए इस लॉकडाउन पर सवाल उठ रहे हैं कि सरकारी नौकरी वालों को तक लॉकडाउन के बावजूद भी उनका वेतन उनके खाते में आ जाएगा, लेकिन उन लोगों का क्या जो रोज़ काम कर के अपने परिवा’र का पालन पोषण करते हैं। आगे बताया कि इसे कुछ ही मजदूर हैं जिनका पास उनका राशन कार्ड है जिससे उन्हें तो राशन मिल जाएगा, लेकिन जिनके पास राशन कार्ड भी नहीं है वह लोग क्या खाएंगे। दिल्ली की सरकार द्वारा उन्हें अभी तक कोई मदद नहीं मिल सकी है। बता दें कि दिल्ली में आज 7वां दिन हो गया और अभी तक इन लोगों के पास ना ही कोई सरकारी कर्मचारी आया और न ही किसी एनजीओ ने संपर्क किया। जिसके कार’ण इन सभी लोगों ने मीडिया के सामने हाथ जोड़ कर विनती की है कि आप ही हमारे लिए कुछ कीजिए।