महाराष्ट्र में पुणे के निकट स्थित सिद्धनाथ गांव के निकट पिंपलगांव में रविवार सुबह एक किसान ने अपने घर के पास स्थित एक गहरे कुएं के अंदर से दहाड़ने की तेज आवाज सुनी. उन्होंने अंदर झांका तो देखा कि एक तेंदुआ 60 फीट गहरे कुएं में गिरा हुआ है और बचने के लिए तैरते रहने की कोशिश कर रहा है.
शुरू में तेंदुए को देख किसान डर गए, थोड़ा संभलने के बाद उन्होंने वन विभाग को घटना की सूचना दी. वन विभाग ने वाइल्ड लाइफ एसओेएस द्वारा संचालित मानिकदो तेंदुआ बचाव केंद्र से संपर्क किया.
मौके पर पहुंचने के बाद बचाव दल ने सबसे पहले लकड़ी के का एक मोटा तना कुएं में डाला ताकि तेंदुआ पानी में तैरता रह सके. तेंदुए की उम्र तीन साल बताई जा रही है. इसके बाद तेंदुए को बाहर निकालने के लिए कुएं में एक बड़ा पिंजरा डाला गया, करीब तीन घंटे तक तैरने की कोशिश का बाद तेंदुआ थक गया था, इसलिए वह पिंजरे में घुस गया. पिंजरे को सावधानी से बाहर निकाला गया.
बचाव केंद्र के डॉक्टर अजय देशमुख ने बताया, “तेंदुआ काफी डरा हुआ था, उसे जल्द से जल्द बाहर निकालने की जरूरत थी.” बाहर निकालने के बाद वेटनरी डॉक्टरों ने तेंदुए की जांच की. जांच में पाया गया कि तेंदुए को कोई बड़ी चोट नहीं आई थी. बाद में उसे जंगल में वापस छोड़ दिया गया.
वन विभाग के अधिकारी रमेश खरमले ने बताया, “इस इलाके में बड़ी संख्या में खुले हुए कुएं हैं जिनमें न जालियां हैं और न ही चौबारे बनाए गए हैं. इन कुओं में जानवरों के गिरने की संभावना बनी रहती है.”
इलाके में गन्नों के खेत हैं जो संभवत: खत्म होते जंगलों में रहने वाले तेंदुओं को छिपने के लिए सुरक्षित लगते हैं. तेजी से खत्म होते जंगल मानव और तेंदुओं के बीच एक नए संघर्ष की ओर इशारा कर रहे हैं जिसके परिणाम खतरनाक हो सकते हैं.