फर्जी डिग्री मामले में फंसे AAP के एक और विधायक, मामला दर्ज

0
159

नई दिल्ली। दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार आए दिन किसी न किसी मुसीबत में फंसती नजर आ रही है। इस बार ये क्रम आप सरकार के विधायकों खिलाफ झज्जर में दर्ज हुए धोखाधड़ी के मामले के साथ आगे बढ़ गया है। झज्जर के गांव छारा में रहने वाले सुरेन्द्र कमांडों आम आदमी पार्टी से दिल्ली के कैंट क्षेत्र में विधायक हैं और उन पर फर्जी डिर्गी के आधार पर झज्जर के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में एक साल से ज्यादा नौकरी करने का मामला सामने आया है।
दिल्ली के ही कैंट क्षेत्र से पूर्व विधायक करण सिंह तंवर ने आरटीआई के माध्यम से सेना व हरियाणा शिक्षा विभाग के साथ-साथ सुरेन्द्र कमांडों द्वारा की गई बीए की डिग्री से संबंधित उनकी शिक्षा के बारे में जानकारी जुटाई। इसी जानकारी के आधार पर करण सिंह तंवर ने झज्जर थाना में एक लिखित शिकायत दी। जिसमें आरोप लगाया गया कि सुरेन्द्र कमांडो साल 2011 तक सेना में नौकरी पर कार्यरत रहे, इसी दौरान उन्होंने बीए की तीन साल की रेगुलर डिग्री किसी संसथान से की और उसी डिग्री के आधार पर सेना से रिटायरमेंट के बाद झज्जर के वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में वोकेशनल ट्रेनर के तौर पर नौकरी ज्वाईन कर ली और एक साल से ज्यादा इस सेवा में रहे।
जिसके बाद दिल्ली विधानसभा का चुनाव लड़ने के दौरान भी उन्होंने अपनी बीए पास की योग्यता चुनाव कार्यालय में दी। जोकि धोखाधड़ी व जालसाजी का मामला बनता है। करण सिंह तंवर की इसी शिकायत पर झज्जर पुलिस ने आखिरकार 29 जुलाई को सुरेन्द्र कमांडों के खिलाफ भादसं की धारा 420 के तहत मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी गई है।
इस पूरे मामले पर झज्जर थाना प्रभारी दयाचन्द का कहना है कि इस शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है। जैसे-जैसे जांच में तथ्य सामने आएंगे आगे की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इस मामले में विशेष बात यह है कि करीब छह माह पूर्व दिल्ली में भी सुरेन्द्र कमांडों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो चुकी है। सूत्रों की माने तो उस दौरान भी हरियाणा पुलिस के आला अधिकारियों के निर्देश पर झज्जर में भी इस प्रकरण की जांच की गई थी। उस समय संबंधित स्कूल के स्टाफ व प्राचार्य से मिलकर पुलिस ने जरूरी दस्तावेज व जानकारी ली थी। लेकिन इस बार जांच का मुख्य केन्द्र झज्जर होने के चलते आप विधायक सुरेन्द्र कमांडों को अपने गृह जिले में ही परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है साथ ही प्रदेश में बीजेपी की सरकार होने के चलते कहीं न कहीं उनकी मुयीबत कम होने की बजाए बढ़ सकती है।