बीते करीब एक साल से दिल्ली के बोर्डरों पर कृषि कानूनों (Farm bill) के खिलाफ किसानों का आंदोलन लगातार जारी है। लेकिन इस एक साल में भी अभी तक इस समस्या का कोई समाधान नहीं निकल पाया है। हालांकि अब तक किसानों और केंद्र सरकार के बीच कई बैठक हो चुकी हैं। लेकिन सारी बैठक फिजूल रहीं। किसानों की मांग है कि केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए तीनों कानूनों को वापस लिया जाए। लेकिन केंद्र इससे संतुष्ट नहीं है। केंद्र का कहना है कि ये कानून किसानों के हित में हैं। किसानों ने ये आंदोलन 26 नवंबर 2020 को शुरू किया था। जिसके बाद से ये लगातार जारी है। इस आंदोलन के एक साल पूरा होने के मौके पर किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh tikait) ने बड़ा बयान दिया है।
राकेश टिकैत का कहना है कि अगर केंद्र 26 नवंबर तक इन कानूनों को वापस नहीं लेती तो फिर हमारा आंदोलन और भी ज्यादा मजबूत हो जाएगा। एक ट्वीट करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि “केंद्र सरकार के पास 26 नवंबर तक का समय है। उसके बाद 27 नवंबर से किसान गांवों से ट्रैक्टरों से दिल्ली के चारों तरफ आंदोलन स्थलों पर बॉर्डर पर पहुंचेंगे और पक्की किलेबंदी के साथ आंदोलन और आंदोलन स्थल को मजबूत करेंगे।” बता दें कि इससे पहले भी राकेश टिकैत केंद्र सरकार को चेतावनी दे चुके हैं।
हाल ही में दिल्ली की सीमाओं पर से जबरन किसानों को हटाए जाने पर भी राकेश टिकैत ने बयान जारी किया था। उन्होंने कहा था कि “दिल्ली की सीमाओं पर से अगर किसानों को जबरन हटाने की कोशिश की गई तो सरकारी कार्यालयों को हम गल्ला मंडी (galla mandi) में तब्दील कर देंगे।” हालांकि दिल्ली पुलिस का कहना है कि किसी भी किसान को जबरदस्ती आंदोलन से नहीं हटाया गया है।