कर्तारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन समारोह में पहुँचे सिद्धू, इमरान ने पूछा “कहाँ है हमारा..”

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कर्तारपुर कोरिडोर

कर्तारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन समारोह में आख़िरकार हिंदुस्तान और पाकिस्तान के बड़े नेताओं ने शिरकत की। इस समारोह में नवजोत सिंह सिद्धू के जाने से एक अलग ही माहौल बन गया। नवजोत सिंह सिद्धू को बेहतरीन स्वागत मिला यही नहीं पाकिस्तान के PM इमरान ख़ान ये पूछते नज़र आए कि “कहाँ है हमारा सिद्धू” उनका ये विडीओ काफ़ी वायरल हो रहा है। इस मौक़े पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सहित कई बड़े व्यक्ति शामिल हुए। मनमोहन सिंह से भी इमरान ख़ान ने मुलाक़ात की। लेकिन इस समारोह में सबसे ज़्यादा चर्चा रही नवजोत सिंघ सिद्धू की।

बता दें कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान के साथ कांग्रेसी विधायक नवजोत सिंह सिद्धू की तस्वीर वाले होर्डिंग्स अमृतसर में सामने आए थे। जिसमें दोनों को पाकिस्तान में करतारपुर साहिब गुरुद्वारा को भारतीय क्षेत्र से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए ‘असली नायक’ बताया गया है। इन होर्डिंग्स में से एक में लिखा था, ‘करतारपुर साहिब गलियारे के पीछे के असली नायक, हम पंजाबी स्वीकार करते हैं, कि इसका श्रेय नवजोत सिंह सिद्धू और इमरान ख़ान को जाता है। हालांकि, कुछ घंटों के बाद नगर निगम ने इन हार्डिंग को हटवा दिया था।

पंजाब से कांग्रेस के विधायक नवजोत सिंह सिद्धू ने करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन समारोह में भाग लेने के लिए इजाज़त लेने तीन बार विदेश मंत्रालय को चिट्ठी लिखी थी जिसके बाद अब उन्हें इसकी राजनीतिक इजाज़त दे दी गई। उन्होंने विदेश मंत्री एस.जयशंकर को चिट्ठी लिखी थी, चिट्ठी में सिद्धू ने लिखा, “निमंत्रण आया है, और जिसकी प्रति पहले ही जमा की जा चुकी है, कार्यक्रम बहुत स्पष्ट है, मेरा विनम्र निवेदन है कि, 9 नवंबर की सुबह साढ़े नौ बजे से पहले गलियारे के ज़रिए सीमा पार करने की अनुमति दी जाए क्योंकि उद्घाटन समारोह के लिए सुबह 11 बजे का समय तय किया गया है। उन्होंने लिखा कि, “मैं गुरद्वारा दरबार साहिब (करतारपुर) सबसे पहले जाकर बाबा जी (गुरु नानक देव जी) को शुक्रिया देने के लिए मत्था टेकना चाहता हूं और संगत के साथ लंगर करना चाहता हूं। वहां सुबह उद्घाटन समारोह में शामिल होकर शाम को गलियारे के रास्ते लौट आऊंगा।”

सिद्धू का कहना था कि, “अगर ऐसा संभव नहीं हुआ, तो मैं गुरुद्वारा दरबार साहिब एक दिन पहले यानी 8 नवंबर को वाघा सीमा के ज़रिए जाऊंगा और रात को गुरुद्वारा साहिब रुककर अगले दिन 9 नवंबर को उद्घाटन समारोह में शामिल होकर गलियारे के ज़रिए लौट आऊंगा।” पत्र के अंत में सिद्धू ने लिखा कि, “आपके (मंत्रालय) जवाब से मेरे भविष्य की गतिविधि निर्धारित होगी।”  माना जाता है कि भारत से लगी सीमा से क़रीब 4 किलोमीटर दूर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित करतारपुर गुरुद्वारा का निर्माण उसी स्थल पर हुआ जहां सोलवीं शताब्दी में गुरु नानक देव की मृत्यु हुई थी। इसे 4.2 किलोमीटर लंबे करतारपुर साहिब गलियारे से जोड़ा जाने वाला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करतारपुर गलियारे का उद्घाटन किया और 12 नवंबर को पड़ने वाले गुरु नानक देव जी की 550 वीं जयंती समारोह के अवसर पर करतारपुर साहिब गुरुद्वारा जाने वाले श्रद्धालुओं के पहले जत्थे को अब रवाना किया जाएगा।