IT एक्ट की धारा 66A को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, SC ने कहा “यह आश्चर्यजनक है..”

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आईटी एक्ट की धारा 66A को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि आईटी एक्ट की धारा 66A के रद्द होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामलों पर नाराजगी जाहिर की है। मंगलवार को सूचना प्रौद्योगिकी कानून की निरस्त की गई धारा 66A को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से जवाब मांगा है। कोर्ट ने केंद्र के सवाल किया कि देशभर में अब तक इसके कितने मुकदमे दर्ज किए गए हैं.? कोर्ट ने कहा कि “यह चौंकाने वाला, परेशान करने वाला और आश्चर्यजनक है कि देश भर की पुलिस अभी भी सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66A के तहत मामले दर्ज कर रही है, जिसे 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने हटा दिया था।”

कोर्ट ने कहा कि “यह बेहद हैरानी भरा मामला है. हम इसको लेकर कोई कदम उठाएंगे।” गौरतलब हैं कि कोर्ट ने केंद्र को जवाब देने के लिए दो हफ्तों का समय दिया है। दो हफ्तों के अंदर केंद्र को जवाब देना होगा। बता दें कि साल 2015 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा धारा 66A को निरस्त कर दिया था लेकिन पुलिस की ओर से निरस्त धारा 66A के तहत अभी भी देश में मुकदमें लगातार दर्ज किए जा रहे हैं। जिसको देखते हुए पीयूसीएल ने इसके खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसकी सुनवाई के दौरान ही कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की।
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याचिका में कहा गया कि “सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार को निर्देश दे कि वो एडवाइजरी जारी करे कि कहीं भी इस धारा के तहत FIR दर्ज ना हो।” आगे कहा गया कि “श्रेया सिंघल मामले के बाद भी आईटी एक्ट की धारा 66A का इस्तेमाल हो रहा है।” गौरतलब हैं कि धारा 66A के खिलाफ काफी समय से शिकायत की जा रही थी। जिसके बाद अदालत में इसको लेकर याचिका भी दायर की गई। कोर्ट द्वारा साल 2015 में इसको असंवैधानिक घोषित किया गया था।