जिस ऐतिहासिक पल का हमारे देश के वैज्ञानिक और देश के सभी लोगो को इंतजार था वह पूरा होते-होते रह गया, इसके साथ ही साथ सबके चेहरे पर निराशा छा गई| दरअसल हुआ ये ही जब चंद्रयान-2 के लैंडर “विक्रम’ को 7 सितम्बर रात 1:38 मिनट पर चाँद की सतह पर उतारने की प्रक्रिया शुरू की गई तभी चाँद की सतह से महज़ 2.1 किलोमीटर दूर ही लैंडर का संपर्क जमीनी स्टेशन से टूट गया|
इस ऐतिहासिक पल को देखने के लिए देर रात तक लोग टीवी के आगे बठे रहे| लोग इस ऐतिहासिक पल को लाइव देखना चाहते थे| जब लोगों को पता लगा की लैंडर का संपर्क जमीनी स्टेशन से टूट गया है तभी से लोगो के चेहरे पर निराशा छा गई| बाद में प्रधानमंत्री मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद इसरो के वैज्ञानिको के साहस की तारीफ की और सभी का हौसला भी बढाया|रा ष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्विटर पर कहा कि “इसरो की टीम ने साहस का प्रदर्शन किया है देश को इसरो पर गर्व है, हम सभी और बेहतर होने की उम्मीद करते है”
राहुल गाँधी ने भी ट्विटर पर इसरो की टीम के शानदार काम के लिए बधाई दी, राहुल गाँधी ने यह भी कहा कि ‘’ आपका काम बेकार नहीं जाएगा, इसने कई बेजोड़ और महत्वाकांक्षी भारतीय अंतरिक्ष मिशनों की नींव रखी है’’ केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी ट्विटर पर भविष्य की यात्रा के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा भारत हमारे प्रतिबद्ध और कठिन मेहनत करने वाले वैज्ञानिको के साथ है|दरअसल विक्रम ने ‘रफ ब्रेकिंग और फाइन ब्रेकिंग” को सफलतापूर्वक पार तो कर लिया था, लेकिन जब सॉफ्ट लैंडिंग की बारी आई उससे पहले ही इसका संपर्क जमीनी स्टेशन से टूट गया।
# कोशिशे हमेशा कामयाब होती है !
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