इरफान पठान ने किया अपने कैरियर का खुला’सा, ग्रेग चैपल ने नहीं बल्कि तेंदुलकर ने….

0
256

भारत के साथ- साथ सभी देशों में क्रिकेट की एक अलग भूमिका है और बहुत बड़ी तादाद में लोग क्रिकेट देखना और खलेना पसन्द करते हैं। हाल ही में भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी इरफ़ान पठान ने अपनी बल्लेबाज़ी को लेकर खुलासा किया। इरफान पठान ने लम्बे समय तक भारतीय टीम में नंबर 3 पर बल्लेबाज़ी की है। कुछ वक्त ऐसा भी आया जिसके चलते इरफान पठान का नंबर-3 पर बल्लेबाज़ी करना बहुत विवा’दित भी रहा। इसकी वजह यह थी के मीडिया के साथ-साथ पुराने खिलाड़ियों ने कहा कि इरफान पठान जो कि लेफ्ट हैंड से बल्लेबाज़ी करते है उनको नंबर-3 पर उतर कर उन पर बोझ डाल दिया गया। लेकिन अब इरफान ने इस बात का खुलासा करते हुए कहा है कि, यह सचिन तेंदुलकर थे, जिन्होंने उनके नंबर-3 पर बैटिंग करने में भूमिका निभायी। उस साल 2005 में भारत और श्रीलंका के बीच सीरीज का पहला वनडे मैच था, जिसमे इरफान पठान को नंबर-3 पर बल्लेबाज़ी करने के लिए भेजा गया। उस मैच में इरफान पठान ने 70 गेंदो में 83 रन की बेहतरीन पारी खेली और इस मैच के भारत ने श्रीलंका को 152 रन से ह’रा कर जीत दर्ज की। इसके बाद इरफान पठान ने बहुत से मैचों के टॉप आर्डर पर बल्लेबाज़ी भी की। इरफान पठान नंबर-3 पर खेलने की बाजाए उन्होंने पारी की भी शुरुआत की।

इरफान पठान के नंबर-3 पर बल्लेबाज़ी करने पर मीडिया और पूर्व खिलाड़ियों का कहना था कि, यह ग्रेग चैपल थे, जिन्होंने पठान को नंबर-3 बल्लेबाज बनाया था। इन सभी लोगों ने यह आरो’प भी लगाया कि इरफान पठान को नंबर-3 पर बल्लेबाज़ी करने की वजह से उनका ध्यान गेंदबाज़ी से हट गया। लेकिन अब इरफान पठान ने कहा है कि, साल 2005 से 2007 तक के विवा’दित कार्यकाल के कारण चैपल पर यह दोष लगाना आसान है, लेकिन सच यह है कि सचिन ने मेरे नंबर-3 बल्लेबाज बनने में भूमिका निभाई। इरफान पठान ने यह भी कहा कि, यह बात मैंने अपने संन्या’स के मौके पर भी कही थी। कुछ लोग इस तरह की बात करते हैं कि नंबर-3 पर भेजकर ग्रेग चैपल ने मेरा करियर बर्बाद कर दिया, लेकिन वास्तव में सचिन पाजी का विचार था। उन्होंने द्रविड़ को मुझे नंबर-3 पर भेजने की सलाह देते हुए कहा कि मेरे में छक्के लगाने की क्षमता है। मैं नयी गेंद खेल सकता हूं और तेज गेंदबाजों को भी बेहतर खेल सकता हूं। यह पहली बार तब अमल में लाया गया, जब मुरलीधरन अपनी बेहतरीन गेंदबाजी के चरम पर थे और आइडिया उनके खिला’फ अटै’क करने का था।

इरफान का कहना है कि, दिलहारा फर्नांडो ने उस समय स्पिलिट फिंगर के साथ स्लोअर गेंद फेंकने की शुरुआत की थी और बल्लेबाजों को वह भी समझ में नहीं आया। ऐसे में सोच यह थी कि अगर मैं इससे निप’टने में सफल रहा, तो यह टीम के हित में जा सकता है। खासकर यह देखते हुए कि यह सीरीज का पहला मैच था। इसलिए यह कहना सही नहीं है कि चैपल ने मेरा करियर ख’राब किया। और साथ ही कहा कि अब जबकि चैपल भारतीय नही थे, तो उनको टार’गेट करना आसान है। अभी कुछ दिनों पहले हुए इंटरव्यू में इरफान पठान ने कहा था कि, जब उनका करियर आगे बढ़ रहा था, तो टीम मैनेजमेंट ने उनकी भूमिका को लेकर स्पष्टता के साथ संवाद नहीं किया। इरफान पठान ने अपनी तरफ से शानदार शुरुआत की थी। वो सबसे कम मैचों (59) में पूरे 100 विकेट लेने वाले खिलाड़ी थे, और इरफान पठान का ये रिकॉर्ड पूरे 13 साल बना रहा। हालाकि बाद में इरफान के इस रिकॉर्ड को मुहम्मद शमी ने तो’ड़ा। लेकिन कुछ ऐसा हुआ कि उनका करियर आगे बढ़ने के साथ कि उनकी छवि बदलती चली गयी जहां उन्होंने 59 मैचों में 100 विकेट लिए वही फिर 71 विकेट के लिए उन्होंने 61 मैच खेले।