गुजरात ATS की गि’रफ़्त में आया बाबू सोलंकी, दाऊद के गि’रोह में…

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भारत के मोस्ट वॉन्टेड अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद के साथी शरीफ़ खान के लिए मुंबई में काम करने वाले बाबू सोलंकी को गुज़रात ATS ने गि’रफ्तार किया है।बाबू सोलंकी पिछले 14 साल से फ’रार था।मुंबई में रहकर दाऊद इब्राहिम के लिए काम करता था,और उसके खि’लाफ गुज़रात में 5 मु’कदमें दर्ज़ हैं।ATS ने बताया कि,2006 के एक गैंगवार से बाबू मोस्ट वांटेड था।

ज्ञात हो कि,बाबू सोलंकी दाऊद से जुड़े कई मामलें में अक्सर सुर्खियों में रहता था।सोलंकी के खि’लाफ गुजरात एटीएस ज’बरन व’सूली, आ’पराधिक ध’मकी, आ’पराधिक सा’जिश सहित अन्य मा’मलों की जांच कर रही थी।बाबू सोलंकी पर टाडा, आर्म्स एक्ट, ना’र्कोटिक्स के तहत कई मामले दर्ज हैं। साल 2006 में बाबू सोलंकी का नाम पहली बार ध’मकी देकर पैसे वसूलने के मामले में आया था।उस समय 10 करोड़ रुपये की व’सूली का मामला बताया गया था।

आपकों बता दें कि,बाबू सोलंकी मेहसाणा के उंझा का रहने वाला है और मुंबई से ऑपरेट करता है।एटीएस सूत्रों की माने तो उंझा में स्थित एक शेयर कंपनी में काम करने वाले प्रगनेश पटेल नाम के शख्स के शेयर्स उसके दो पार्टनर ने बेच दिए थे।इसके लिए प्रगनेश को 10 करोड़ रुपये दिए जाने थे, लेकिन पार्टनर निलेश शाह और जिगर चोकसी बे’ईमानी कर गए।इन दोनों से पैसे निकालने के लिए प्रगनेश ने बाबू सोलंकी उर्फ राजू और ISI के कथित एजेंट साबिर मियां को कॉन्ट्रैक्ट दिया। सोलंकी को इसके लिए 3 करोड़ रुपये मिलने थे।उधर, निलेश शाह और जिगर चौकसी ने मोहम्मद अतीक उर्फ जहांगीर और इकबाल पटेल को हायर किया और बाबू सोलंकी और साबिर मियां से मुकाबला करने का कॉन्ट्रैक्ट दिया। इस बीच पुलिस ने जहांगीर और साबिर मियां को तमाम ह’थियारों के साथ गि’रफ्तार किया था और जे’ल में डाल दिया गया था।

वहीं,ATS के डीआईजी हिमांशु शुक्ला ने कहा कि बाबू सोलंकी इस घटना के बाद से फ’रार हो गया था और मुंबई में रहने लगा।फिर मुंबई से वह लू’टपाट, व’सूली, फि’रौती जैसे का’रनामों को अंजाम देने लगा।2006 में सोलंकी को फि’रौती के एक मामले में गि’रफ्तार किया था।सोलंकी के खिलाफ 2008 में 32 लाख की लू’ट, 1996 में मुंबई में ह’त्या, 2015 में सिद्धपुर में ड’कैती और 2019 में फ’र्जी पुलिसवाला बनने जैसे गं’भीर मा’मलों में केस दर्ज है।