महाराष्ट्र की शिवसेना के बागियों की ताकत दिन ब दिन बढ़ती जा रही है। जिस तरह से शिवसेना के विधायक एक के बाद एक बागियों से जा मिल रहे हैं, इससे आशंका जताई जा रही है कि जल्दी उद्धव ठाकरे का तख्ता पलट सकता है। ऐसे में अब शिवसेना भी सतर्क हो गई है और अपने दाव पेंच शुरू कर दिया है। शिवसेना का कहना है कि भले ही शिंदे के पास पार्टी के 40 के करीब विधायक हैं, लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि जो वो चाहे वैसा ही होगा। बता दें कि रविवार को शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने सीनियर एडवोकेट देवदत्त कामत के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
जिसमें कामत ने कहा कि “यह नैरेटिव बनाने का प्रयास किया जा रहा है कि सिर्फ दो तिहाई बहुमत होने के कारण उन्हें अयोग्यता का सामना नहीं करना पड़ेगा। आप किसी भी संवैधानिक जानकार से पूछिए तो पता चल जाएगा कि ये गलत है। दो तिहाई बहुमत का तर्क तब लागू होता है, जब वो किसी अन्य दल के साथ मिल गए हों। अयोग्यता की कार्यवाही 16 बागी विधायकों के खिलाफ शुरू कर दी गई है। कई जजमेंट हैं… सु्प्रीम कोर्ट ने कहा है कि विधायकों का सदन के बाहर भी पार्टी विरोधी कृत्य अयोग्यता के दायरे में आता है।”
उन्होंने आगे कहा कि “किसी दूसरे राज्य में जाना, एक बीजेपीशासित राज्य में, बीजेपी नेताओं से मिलना, सरकार को गिराने का प्रयास करना, सरकार के खिलाफ पत्र लिखना, ये सब खुल्लमखुल्ला उल्लंघन है… यही स्पीकर को दी गई हमारी याचिका में है। वो कह रहे हैं कि डिप्टी स्पीकर का कोई क्षेत्राधिकार नहीं है, यह पूरी तरह गलत है। स्पीकर की गैरमौजूदगी में, डिप्टी स्पीकर के पास पूरी शक्तियां होती हैं। हम सभी 16 बागी विधायकों को अय़ोग्य ठहराने का प्रयास करेंगे ताकि वो चुनाव का सामना करें।”