कोरोना महामारी को देखते हुए सरकार की ओर से कई बड़े फैसले लिए गए थे। सरकार के इन फैसलों से लोगों को काफी राहत मिली थी। इस बीच अब सरकार की ओर से एक और फैसला जारी किया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक ये फैसला फैमिली पेंशन को लेकर किया गया है। सरकार ने अपने इस फैसले से फैमिली पेंशनधारकों को काफी राहत पहुंचाई है। जानकारी के मुताबिक सरकार का ये फैसला हितधारकों के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा। भारत सरकार के उप सचिव संजोय शंकर की ओर से एक ऑफिस मेमोरेंडम जारी कर इस नए नियम के बारे में बताया गया है।
बता दें कि पहले फैमिली पेंशनधारकों की पेंशन आपराधिक मामलों में लिप्त होने की वजह से रूक जाती थी और लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पढ़ता था। इन मुश्किलों को देखते हुए ही सरकार की ओर से नए नियम लागू किए गए हैं। Central Civil Services (Pension) Rules, 1972 के नियम 54 के उप-नियम (11-C) में बदलाव करते हुए इस नए नियम को बनाया गया है। पुराने नियमों की माने तो कोई व्यक्ति जो सरकारी कर्मचारी या पेंशनभोगी की मृत्यु पर पारिवारिक पेंशन प्राप्त करने के लिए पात्र है, लेकिन उसपर ही सरकारी कर्मचारी/पेंशनभोगी की हत्या करने या इस तरह के अपराध के लिए उकसाने का आरोप लगता है तो कोर्ट द्वारा अंतिम फैसला लिए जाने तक पेंशन को निलंबित कर दी जाती है।
लेकिन अब नए नियम के मुताबिक ऐसा कुछ नहीं होगा। अगर कही ऐसा मामला पेश आता है तो परिवार के किसी दूसरे सदस्य (जिनमें आश्रित बच्चे, माता-पिता आदि शामिल हैं) को पेंशन दी जाएगी। सरकार का मानना है कि परिवार को पेंशन के भुगतान से इनकार करना उचित नहीं है। क्योंकि आपराधिक कार्यवाही काफी लंबी चलती है और ऐसे में अगर इल्जाम झूठा निकले तो परिवार को काफी दिक्कतों का सामना करना पढ़ता है। बता दें कि अन्य किसी पात्र सदस्य को तक तब फैमिली पेंशन देनी शुरू की जाएगी, जब तक की आरोपी पर कोई अंतिम फैसला ना जाए।