नई दिल्ली। भारतीय नौ-सेना की ताकत में जबरदस्त इज़ाफ़ा करते हुए केंद्रीय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने पनडुब्बी को मार गिराने की क्षमता वाला विद्ध्वंसक युद्धपोत आईएनएस किलटन को भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल किया।
नौसैनिक डॉकयार्ड से जारी बयान के मुताबिक कमोरटा श्रेणी के चार युद्धपोत में से यह तीसरा युद्धपोत है। नौसेना ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि इस युद्धपोत को डायरेक्टोरेट ऑफ नेवल ने डिजाइन किया है, इसका निर्माण कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स ने किया है। यह युद्धपोत शिवालिक क्लास, कोलकाता क्लास, आईएनएस कामोरता और आईएनएस कदमात के बाद सबसे खतरनाक युद्धपोत है। आईएनएस किलटन देश का सबसे घातक युद्धपोत है और इसमे घातक हथियारों के अलावा सेंसर भी लगे हैं।
इसके अलावा इसके ढांचे में कार्बन फाइबर लगा है, जिसकी वजह से इस युद्धपोत का वजन काफी कम है और इसका रखरखाव का खर्च भी काफी कम होगा। दुश्मनों पर यह युद्धपोत काफी भारी साबित होगा, इसमें टारपीडो के साथ एएसडब्लू रॉकेट लगे हैं, 76 एमएम कैलिबर के मीडियम रेंज की बंदूक लगी है, दो मल्डी बैरल 30 एमएम गन की शस्त्र प्रणाली से भी यह युद्धपोत लैस है।
इस युद्धपोत में अग्नि नियंत्रण प्रणाली, मिसाइल तैनाती रॉकेट, एडवांस इलेक्ट्रानिक सपोर्ट मेजर सिस्टम सोनार के साथ रडार रेवती भी लगा है। इस युद्धपोत में एएसडब्लू हेलीकॉप्टर व सैम प्रणाली को भी तैनात किया जाएगा। इस युद्धपोत का नाम अमिनिदिवि समूह के तमाम द्वीपों में से एक द्वीप के नाम पर रखा गया है।
नौसेना बेड़े में आज शामिल होने वाला यह आधुनिक युद्धपोत पूरी तरह से किसी भी वक्त दुश्मन पर हमला करने में सक्षम है। इसका वजन 3500 टन है, 81 फीसदी देशी तकनीक से बना यह पोत युद्ध के समय परमाणु हमले, जैविक और रासायनिक हमले करने में भी सक्षम है। इस युद्धपोत पर नौसेना के 14 अधिकारी के अलावा 178 अन्य सेलर सवार रहेंगे।