दशहरा दूर, मुंबई में सियासत शुरू, आदित्य ठाकरे ने लगाया ये आरोप

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नागपुर : शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने शनिवार को कहा कि अधिकारी मुंबई में उनकी पार्टी की वार्षिक दशहरा रैली आयोजित करने के आवेदन को स्वीकार नहीं कर रहे हैं। आदित्य ठाकरे ने यहां हवाईअड्डे पर मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि शिवसेना  के उद्धव थाक्करे और एकनाथ शिंदे गुटों ने  रैली के लिए अनुमति के लिए आवेदन करने की संभावना है। आदित्य ठाकरे का आरोप है कि सरकार उनका आवेदन नहीं ले रही है।

आदित्य ठाकरे ने कहा कि शिवसेना मुंबई में अपनी वार्षिक दशहरा रैली आयोजित करने की अनुमति मांग रही है, लेकिन अधिकारी हमारे आवेदन को स्वीकार नहीं कर रहे हैं। यह (एकनाथ शिंदे सरकार) एक दमनकारी सरकार है। यह पूछे जाने पर कि क्या एकनाथ शिंदे गुट दशहरा रैली को हाईजैक करने की कोशिश कर रहा है।

उन्होंने कहा कि लोगों को पता चल गया है कि विद्रोहियों के मुखौटे के पीछे क्या है और वे इसे पसंद नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी ‘शिवसंवाद यात्रा’ को राज्य भर में बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र, देश और दुनिया के लोगों ने देखा है कि यह (शिंदे सरकार) ‘खोखे की सरकार’ है।

अक्टूबर, 2021 में महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री व शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने अपनी पार्टी की परंपरागत दशहरा रैली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भाजपा व RSS पर जमकर भड़ास निकाली थी। उद्धव ठाकरे ने कहा था कि संघीय ढांचे में राज्यों को सार्वभौमता दी गई है, लेकिन केंद्र लगातार हमारे कामकाज में हस्तक्षेप कर रहा है।

महाराष्ट्र को अलग नजरिए से देखा जा रहा है। एक मंत्री पर FIR दर्ज कराने के लिए कोल्हापुर जाने से भाजपा नेता किरीट सोमैया को रोका गया, तो यह प्रचार किया जाने लगा कि महाराष्ट्र में लोकतंत्र का गला घोंट दिया गया। पुलिस को भी माफिया बता दिया, लेकिन उत्तर प्रदेश में अखिलेश को रोका गया, राहुल को रोका गया, प्रियंका को नजरबंद किया गया, तो वहां क्या लोकतंत्र के बाग लहलहाने लगे हैं?