दो दिनों के लिए भारत बंद, देश भर में दिखने लगा है असर…

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केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के एक संयुक्त मंच ने केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में 28-29 मार्च यानी दो दिन तक देशव्यापी बंद (Bharat Bandh) का आह्वान किया है। ये आह्वान सरकार की उन नीतियों के खिलाफ है, जिनसे कर्मचारी, किसान और आम जनता प्रभावित हो रही है। बता दें कि इस बंद का असर देश भर में देखने को मिल रहा है। कई राज्य ऐसे हैं जहां की सड़के इस बंद के कारण सुनसान पड़ी हैं। सिर्फ देश की सड़कों पर ही नहीं बल्कि इस असर संसद भवन में भी देखने को मिल रहा है। बता दें कि अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ ने भी हड़ताल को अपना समर्थन देने की घोषणा की है।

इस घोषणा के बाद अब इसका असर बैंकों पर भी पड़ेगा। बैंक के कर्मचारियों ने भी इस हड़ताल में शिरकत कर दी है। जानकारी के अनुसार कर्मचारी भविष्य निधि संगठन पर कम ब्याज दर, ईंधन की बढ़ती कीमत इस बंद के मुख्य कारणों में से एक हैं। एक तरफ जहां कुछ राजनीतिक दल इस हड़ताल का समर्थन कर रहे हैं, वहीं कुछ राजनीतिक दल इसके खिलाफ हैं। गोरतलब हैं कि बंगाल सरकार ने राज्य के सभी कार्यालयों को खुले रहने और कर्मचारियों को ड्यूटी पर आने के लिए कहा है।


बंगाल सरकार का कहना है कि “28 और 29 मार्च को किसी भी राज्य कर्मचारी को कोई आकस्मिक अवकाश नहीं मिलेगा और न ही किसी को आधे दिन की छुट्टी दी जाएगी।” इसके साथ ही कहा गया है कि अगर कोई भी कर्मचारी ऐसा करता है तो इसका सीधा असर उसकी वेतन पर पढ़ेगा। वहीं, आपको बता दें कि कांग्रेस ने इस हड़ताल को अपना समर्थन दे दिया है। इसके अलावा संसद में, माकपा सांसद बिकाशरंजन भट्टाचार्य ने हड़ताल के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए नियम 267 के तहत राज्यसभा में कार्य स्थगित करने का प्रस्ताव पेश किया है।