कोरोना सं’कट की इस घड़ी में देश डॉक्टरों और सभी स्वास्थ्य कर्मियों के साथ साथ आयुष विभाग के डॉक्टरों ने भी मोर्चा संभाला है औऱ डॉक्टरों के साथ इंटर्न डॉक्टरों को भी मैदान में उतारने के लिये आयुष विभाग के चेयरमैन को पत्र जारी किया था, जिसके बाद इंटर्न करने वाले प्राइवेट संस्थानों के आयुष डॉक्टर भी फील्ड में हैं। आयुष डॉक्टर कंटेनमेंट एरिया में लोगों का सर्वे करने के साथ स्क्रीनिंग भी कर रहे हैं।ऐसे मे प’रेशानी इस बात की है कि,ऐसे मु’श्किल समय में काम करने के बाद उन्हें इसका मे’हनताना भी नही मिल पा रहा जिससे वो काफ़ी नाराज़ हैं।
दरअसल,प्रदेश भर में सरकारी कॉलेजों के 400 आयुष डॉक्टर कोरोना महामारी में लोगों की सेवा कर रहे हैं।तो वहीं भोपाल में प्राइवेट कॉलेजों के 70आयुष डॉक्टर भी कोरोना म’हामारी में मोर्चा संभाले हुए हैं।डॉक्टरों को बीमा कवर का लाभ नहीं दिया गया है।वहीं इंटर्न चिकित्सकों की समस्या यह है कि उनको ना तो स्टायपेंड दिया जा रहा है और ना ही ड्यूटी करने का वेतन दिया जा रहा है।कोरोना में फील्ड पर इंटर्न करने के लिए डॉक्टरों ने अपने संस्थान को 10 हजार की कॉशन मनी भी जमा कराई है।
ज्ञात हो कि,शुरुआत में ही शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि आयुष डॉक्टरों को मेहनताने के अलावा प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी।दूसरे डॉक्टरों और डेंटल डॉक्टर्स को सैंपल कलेक्ट करने पर पर प्रति सैंपल 100 रुपये की राशि दी जा रही है।आयुष डॉक्टरों को ना तो सैंपल कलेक्ट करने पर अतिरिक्त राशि दी गई है और ना ही अभी तक एक भी महीने भी प्रो’त्साहन राशि (10 हजार) का भुगतान किया गया है।ऐसे में इतने दिनों में कुछ भी भुकतान ना मिलने से
आयुष विभाग के इंटर्न डॉक्टरों ने स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा से मुलाकात कर उनको ज्ञापन सौंपा है।आयुष डॉक्टरों की मांग है कि दूसरे डॉक्टरों की तरह उनको भी वेतन का भुगतान कराया जाए।जाहिर है कि,सं’कटकाल में बिना पैसे के काम करना बहुत मुश्किल हो रहा है इसीलिए उन्होंने मांग की है कि 50 हजार का बीमा कवर और बाकी स्वास्थ्य कर्मियों और दूसरे विभागों के कर्मचारियों की तरह दिया जाए।