अब खुलें’गे मैच फि’क्सिंग के कई रा’ज़, सामने आ सकते हैं क्रिकेट की दुनिया के सितारों के नाम..

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साल 2000 के मैच फि’क्सिंग कां’ड को लेकर दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को बड़ी सफल’ता मिली है। लंदन से इस केस के प्रमु’ख आरो’पी और बुकी संजीव चावला को कई कानूनी प्र’क्रिया पूरी करने के बाद प्रत्यर्प’ण कर भारत लाया जा सकता है। इस मैच फि’क्सिंग स्कैं’डल में दक्ष‍िण अफ्रीका के पूर्व कप्तान हैंसी क्रोनिए भी शामिल थे। क्रोनिए की 2002 में एक प्लेन क्रै’श में मौ’त हो गई थी।

संजीव चावला की तलाश साल 2000 से ही चल रही थी क्योंकि उसके पक’ड़े जाने के बाद ही फि’क्सिंग के सारे रा’ज खु’ल सकते हैं। और कई बड़े बड़े खिलाड़ियों के नाम भी सामने आ सकते हैं। साल 2000 में क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर ईश्वर सिंह ने साउथ अफ्रीका के खिलाड़ी हैंसी क्रोनिए और संजीव चावला के बीच बातचीत की रिकॉर्डिंग सुनी थी और तब मैच फि’क्सिंग का खुला’सा हुआ था।

गुरुवार सुबह 10:30 के करीब दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के डीसीपी राम गोपाल नाइक की टीम, संजीव चावला को दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पर पहुंची। 16 फरवरी और 20 मार्च 2000 को हुए भारत-दक्षिण अफ्रीका मैच की फि’क्सिंग के आरो’प में संजीव चावला पर केस द’र्ज किया था और तभी से उसपर पुलिस जां’च कर रही है।

पुलिस ने साउथ अफ्रीका टीम के कैप्टन रह चुके दिवंगत हैंसी क्रोनिए समेत 6 लोगों के खि’लाफ 2013 में ही चार्जशीट पेश कर दी थी, साउथ अफ्रीका के खिलाड़ी हर्शल गिब्स और निकी बोए के फि’क्सिंग से जुड़े होने के पर्या’प्त सबूत न मिलने पर उनका नाम चार्जशीट से हटा दिया गया था।
हैंसी क्रोनिए ने पहले इन आरो’पों से मना कर दिया था लेकिन बाद में उन्होंने अपने ऊपर लगे आरो’पों को क़ुबूल कर लिया था।

हैंसी क्रोनिए के साथ साथ संजीव चावला, मनमोहन खट्टर, राजेश कालरा और सुनील दारा सहित टी सीरीज के मालिक के भाई कृष्ण कुमार को आरो’पी बनाया गया था।

आरो’प लगने के बाद संजीव चावला लंदन भाग गया था और तभी से दिल्ली पुलिस, संजीव को भारत लाने की को’शिश कर रही है। लेकिन 19 साल बाद पुलिस अपनी को’शिश में काम’याब हो पाई है।