भारत की तरह दुनिया भर के कई देश कोरो’ना संक’ट से जूझ रहे है। कुछ देशों में तो भारत से ज़्यादा गं’भीर हालत है। उन देशों में सबसे पहले स्थान पर अमेरिका है। बता दें कि दुनिया भर में अमेरिका में सबसे अधिक कोरो’ना संक्रम’ण फैला हुए है। दुनिया भर में सबसे अधिक संक्रमि’त देशों में भारत 4 नंबर पर है। यहां 4 लाख 56 हजार से अधिक संख्या में कोरो’नावा’यरस के मामले मौजूद है। वहीं इससे साथ ही भारत में लोगों के रिकवर होने की रफ्तार बहुत तेज़ी से बढ़ रही है। बता दें कि स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, भारात का रिकवरी रेट 56.38% हो गया है। इसी दौरान खबर आई है कि जो लोग कोरो’ना संक’ट से ल’ड़कर ठीक हो रहे है उनको आने वाले समय में परे’शानियों का सामना करना पड़ सकता है।
इंग्लैंड की प्रमुख हेल्थ एजेंसी नेशनल हेल्थ सर्विस द्वारा की गई एक स्टडी में पता चला है कि कोरो’ना से रिकवर हो चुके हर तीन में से एक म’रीज को आजीवन हेल्थ से जुड़ी गं’भीर दि’क्कतें झेलनी पड़ सकती हैं। उन्हें काफी लंबे समय के लिए फेफड़ों में इंफे’क्शन रह सकता है। स्टडी में कहा गया कि “कोरो’ना से एक बार ठीक हो चुके करीब 30 फीसदी म’रीजों को जिंदगी भर फेफड़ों की बी’मा’री से परे’शान रहना पड़ सकता है। उन्हें रोजाना के काम करने में थकान और मानसिक तक’लीफ भी हो सकती है। वहीं, आईसीयू में रहते हुए जो म’रीज ठीक हुए हैं, उनके साथ और भी शारीरिक दि’क्कतें हो सकती हैं।”
साथ ही स्टडी में ये भी बताया गया कि जिन म’रीजों में गं’भीर लक्षण पाए गए है और वो रिकवर हो चुके है उनको अाने वाले समय में शारीरिक स’मस्या के साथ-साथ दिमागी परे’शानी भी हो सकती है। ऐसे म’रीजों को आगे आल’ज़ाइमर का खत’रा हो सकता है। नेशनल हेल्थ सर्विस की चीफ हिलेरी फ्लॉयड कहती हैं, “कोरोना से रिकवर कर चुके लोगों में आगे जाकर होने वाली शारीरिक परे’शानियों को लेकर बहुत कम जानकारी मौजूद हैं। ऐसा पाया गया है कि कई म’रीजों की रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद भी वाय’रस का असर रहता है।”
एक्सपर्ट के मुताबिक कोरो’नावाय’रस इंसान के फेफड़ों पर अटै’क करता है जिसकी वजह से फेफड़ों पर सूज’न भी हो जाती है जिसको निमो’निया कहते हैं। बता दें कि ये वाय’रस आंत (इंटस्टाइन) और किडनी में भी जा सकता है। फेफड़ों के ज़रिए ये वाय’रस बॉडी में प्रवेश करता है जिसकी वजह से सबसे ज़्यादा असर इन पर ही पड़ता है और सबसे ज़्यादा डैमे’ज भी ये ही होते है। इसी वजह से म’रीज़ को ऑक्सी’जन और वेंटीले’टर की जरूरत पड़ती है। वर्ल्डोमीटर के आंकड़ों के मुताबिक दुनिया भर में कोरो’नावाय’रस के 92 लाख 55 हजार 730 मामले हो चुके है और इनमें से अब तक 49 लाख 86 हजार 516 लोग रिकवर हो चुके है। वहीं इस वाय’रस से अब तक दुनिया भर में 4 लाख 75 हजार 909 लोगों की मौ’त भी हो चुकी है।