आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने मंगलवार को घोषणा की कि विशाखापट्टनम शहर राज्य की राजधानी बनने जा रहा है. उन्होंने दिल्ली में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “मैं आप सभी को विशाखापट्टनम आमंत्रित करने आया हूं जो आने वाले दिनों में हमारी राजधानी बनने जा रहा है. मैं भी आने वाले महीनों में विशाखापट्टनम में शिफ्ट हो जाऊंगा.
मुख्यमंत्री ने आगे कहा, हम 3 और 4 मार्च को विशाखापट्टनम में एक वैश्विक शिखर सम्मेलन का आयोजन कर रहे हैं … मैं आप सभी को व्यक्तिगत रूप से शिखर सम्मेलन में आमंत्रित करने के लिए आया हूं. रेड्डी ने विदेशी और घरेलू निवेशकों से आग्रह किया कि वे हमारे पास आएं और देखें कि आंध्र प्रदेश राज्य में व्यापार करना कितना आसान है.
इससे पहले, रेड्डी ने विशाखापट्टनम को राज्य प्रशासन की सीट के रूप में प्रस्तावित करते हुए यह स्पष्ट कर दिया था कि राज्य का भविष्य डिसेंट्रलाइज्ड डेवलपमेंट में है. मुख्यालय के रूप में यह राज्य के राज्यपाल का आधार भी होगा, जबकि विधायिका अमरावती से कार्य करेगी. उन्होंने कहा था कि 1956 में तत्कालीन मद्रास राज्य से आंध्र के अलग होने के बाद हाई कोर्ट को कुरनूल ले जाया जाएगा, जो कभी राजधानी हुआ करता था.
रेड्डी का मानना है कि राज्य भर में कार्यकारी, विधायी और न्यायिक कार्यों की सीटों का वितरण, समान क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देगा. जबकि देश में इसकी कोई समानता नहीं है. युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस (YSRC) पार्टी में उनके कट्टर समर्थक बताते हैं कि यह कई राजधानी शहरों के अनुभवों से प्रेरित है.