चीन के खिला’फ हुए अमेरिकी विदेश मंत्री, कहा अब दूसरा…

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कोरो’ना वाय’रस के इस मु’सीबत भरे माहौल में अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ (Mike Pompeo) ने चीन को लेकर कुछ ज़रूरी बातें कही है। उन्होंने कहा कि अब अमेरिका चीन के साथ कुछ अलग तरह से पेश आए। क्यूंकि अब अधिक राजनीतिक स्व’तंत्रता मिलने की उम्मीद में उन्हें आर्थिक मौका देने की पुरानी नीति काम नहीं आई। टोनी पर्केन्स को दिए गए अपने एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि “यह सिद्धांत कि अधिक आर्थिक अवसर प्रदान करने से चीन के लोगों को अधिक राजनीतिक स्वतंत्रता और अधिक मौलिक अधिकार मिलेंगे, सही साबित नहीं हुआ। यह काम नहीं आया। मैं पुराने शासकों की आलोचना नहीं कर रहा हूं, हम स्पष्ट रूप से देख सकते हैं कि यह सफल नहीं हुआ और इसका मतलब है कि अमेरिका को दूसरा रास्ता अपनाना होगा।”

उन्होंने बताया कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साफ तौर पर इस यह रास्ता प्रशस्त किया है। पोम्पिओ ने कहा कि “वह ऐसा करने वाले पहले राष्ट्रपति हैं और यह पक्षपातपूर्ण नहीं है। उनसे पहले सभी रिपब्लिकन और डेमोक्रेट राष्ट्रपतियों ने चीन को अमेरिका के साथ व्यापार संबंध स्थापित करने का मौका दिया, जिसका भुगतान पूरे अमेरिका में मध्यम वर्ग, कामकाजी लोगों को नौकरी खोकर उठाना पड़ा।” और साथ ही उन्होंने कहा कि “अब हम देख सकते हैं कि इससे ना केवल अमेरिका को आर्थिक नुक’सान हुआ है बल्कि चीन के भीतर भी लोगों के साथ भी सही व्यवहार नहीं किया जाता।”
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खबरों के मुताबिक बताया जा रहा है कि विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने ये आ’रोप भी लगाया कि राष्ट्रीय सुरक्षा का’नून ने हांगकांग के लोगों की आज़ादी छी’न ली है। पोम्पिओ ने कहा कि “आप चाहते हैं चीन के लोग सफल हों, अच्छा जीवन जिएं और आपको अमेरिका के साथ भी अच्छे संबंध चाहिए, लेकिन हमें पता है कि वामपंथी शासन क्या करता है, हमें पता है कि सत्तावादी शासक अपने लोगों के साथ कैसा व्यवहार करते हैं और यही आज हम चीन में देख रहे हैं।” उन्होंने कहा कि “धार्मिक और नस्ली अल्पसंख्यकों के खिला’फ चीन की कार्र’वाई केवल बढ़ी है। हम इस दुर्व्यवहार को दूर करने के लिए कूटनीतिक रूप से जो कर सकते हैं वह करेंगे।”