राहुल गांधी के जाल में फंसती BJP, क्या भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होंगे नेता?

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राहुल गांधी की भारत जोड़ा यात्रा का पहला चरण पूरा हो गया है। दिल्ली पहुंचने पर राहुल गांधी ने जहां एक और अपना दमखम दिखाया। वहीं, अपने सीयासी तीरों से भाजपा पर कई गंभीर और गहरे निशाने भी साधे। लेकिर, जो उनको सबसे बड़ा दांव माना जा रहा है और जिसकी लोग तारीफ भी कर रहे हैं। वह है उनको पूर्व पीएम भारत रत्न अटल बिहरी वाजपेयी की समाधि पर जाकर उनको श्रद्धांजलि देना।

इस बीच राहुल गांधी ने एक और दांव चला है। यात्रा के दौरान राहुल ने जो भी किया। भाजपा उनके हर जाल में फंसी और बैकफुट पर भी नजर आई। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में क्या भाजपा के नेता भी शामिल होंगे। कांग्रेस के नेताओं ने तो भरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाजपा के नेताओं से भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने की अपील कर डाली।

यही नहीं, भारत जोड़ो यात्रा में उत्तर प्रदेश के तमाम बड़े विपक्षी दलों को यात्रा में शामिल होने के लिए भी न्योता भेजा गया है। समाजवादी पार्टी से लेकर बहुजन समाज पार्टी और सुभाषपा से लेकर राष्ट्रीय लोक दल समेत सीपीआई के नेताओं से इस यात्रा में शामिल होने की अपील की गई है। कांग्रेस की ओर से की गई अपील से उत्तर प्रदेश के सियासी हलकों में हलचल मच गई है।

हलचल इस बात के लिए नहीं मची है कि विपक्षी दलों को बुलाया गया है, बल्कि उसके पीछे की बड़ी वजह यह है कि सभी धुर-विरोधियों को एक मंच पर लाने की कोशिश की जा रही है। सियासी मामलों के जानकारों का कहना है कि अगर ऐसा होता है तो उत्तर प्रदेश की राजनीति में यह एक बड़ा घटनाक्रम होगा। हालांकि उसका असर चुनाव में कितना होगा, यह तो नहीं पता लेकिन कई दलों के लिए एक साथ भारत जोड़ो यात्रा के मंच पर जुड़ना नफा नुकसान का सौदा हो सकता है।

कांग्रेस लगातार भारत जोड़ो यात्रा में तमाम विपक्षी नेताओं को अपने साथ जोड़ने की कवायद करती आई है। कई प्रमुख विपक्षी दल और उनके नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुए हैं। लेकिन इस बार कांग्रेस पार्टी ने तमाम आरोप प्रत्यारोप के बीच में भाजपा को ही कांग्रेस की भारत यात्रा में शामिल होने के लिए कह डाला। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव जयराम रमेश के साथ मंच साझा कर रहीं कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भाजपा की ओर से भारत जोड़ो यात्रा में तमाम तरह के अनर्गल आरोपों को लगाने के विरोध में भाजपा के ही नेताओं को इस यात्रा में शामिल होने के लिए कहा।

हालांकि सुप्रिया श्रीनेत ने भाजपा के नेताओं को उनकी ओर से लगाए जाने वाले आरोपों की असलियत जानने के लिए ही कांग्रेस के कंटेनर्स से लेकर उनकी पारदर्शी यात्रा में शामिल होने का न्योता दिया है। हालांकि राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह बात तो बिल्कुल सच है कि भाजपा का कोई बड़ा नेता कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में क्यों आएगा।

लेकिन, पार्टी से जुड़े वरिष्ठ नेता कहते हैं कि भारत जोड़ो यात्रा तो सबको साथ लेकर चलने की यात्रा है, इसलिए अगर भाजपा का नेता कोई शामिल होता है, तो उसका स्वागत होगा। कांग्रेस पार्टी के उक्त वरिष्ठ नेता कहते हैं कि राहुल गांधी ने जिस तरीके से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की समाधि पर जाकर श्रद्धा सुमन अर्पित किए हैं, उससे दबी जुबान से ही सही लेकिन भाजपा के कई नेता प्रशंसा भी कर रहे हैं।

कांग्रेस ने सियासी माहौल गर्माने के लिए भारत जोड़ो यात्रा में उत्तर प्रदेश के तमाम बड़े विपक्षी दलों को शामिल करने के लिए आमंत्रित किया है। राजनीतिक विश्लेषण उमाशंकर त्यागी कहते हैं कि वैसे तो कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में जो मुद्दे उठाए जा रहे हैं, वह हैं तो राजनीतिक ही है। ऐसे सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों वाली भारत जोड़ो यात्रा में जब प्रमुख विपक्षी दलों को शामिल किया जाता है तो अनुमान लगाया जाना आसान हो जाता है कि आने वाले दिनों के चुनावों में सभी विपक्षी दलों को एक राह पर चलने के लिए प्रयास करने की तैयारी में है।

त्यागी कहते हैं कि सपा, बसपा, राष्ट्रीय लोक दल और सुभासपा समेत सीपीआई के नेताओं को एक मंच पर लाने से लोकसभा के लिहाज से विपक्षी दलों की एकता मजबूत हो सकती और उससे संभव है कि भाजपा से लड़ने में मजबूती भी मिले। हालांकि उनका कहना है कि सभी राजनैतिक दल एक साथ जोड़ कर कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होंगे या नहीं यह तो बाद में पता चलेगा। लेकिन कांग्रेस ने अपनी भारत जोड़ो यात्रा के माध्यम से सियासी समीकरण साधने तो शुरू ही कर दिए हैं।

कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा फिलहाल नौ दिन के ब्रेक पर है। नौ दिन बाद यानी तीन जनवरी को भारत जोड़ो यात्रा दोबारा शुरू होगी। 3 जनवरी से शुरू होने वाली कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा अब उन राज्यों से होकर गुजरने वाली है, जहां पर किसान आंदोलन की न सिर्फ शुरुआत हुई बल्कि पूरे आंदोलन को इन्हीं राज्यों से मॉनिटर भी किया गया।

इसमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लेकर हरियाणा और पंजाब के राज्य शामिल हैं। राजनीतिक विश्लेषक प्रोफेसर ओपी मिश्रा कहते हैं कि कांग्रेस ने जिस तरीके से पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लेकर हरियाणा और पंजाब में राजनीतिक समीकरणों को साधते हुए विपक्षी दलों को एक साथ आने की गुजारिश की है, उससे पार्टी को आने वाले लोकसभा के चुनावों में फायदा दिखता हुआ नजर आ रहा है।

प्रोफेसर मिश्रा कहते हैं कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के जाने से पहले ही उन्होंने राष्ट्रीय लोक दल से अपनी यात्रा में शामिल होने की अपील की। इससे पहले राहुल गांधी ने सोमवार को चौधरी चरण सिंह की समाधि पर जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की। वह कहते हैं कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ने अपनी भारत जोड़ो यात्रा के माध्यम से जो सियासी समीकरणों को साधने की कोशिश की है वह किसानों को एक तरह से संदेश देने की प्रक्रिया है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी को अपनी भारत जोड़ो यात्रा में जुड़ने की अपील करके कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश की राजनीति के नए समीकरणों की जुगलबंदी बनाने की कोशिश की है। वरिष्ठ पत्रकार पत्रकार जीडी शुक्ला कहते हैं कि कांग्रेस का गठबंधन इन सभी राजनीतिक दलों के साथ पहले रह चुका है।

हाल के कुछ सालों में बहुजन समाज पार्टी का समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन रहा। समाजवादी पार्टी का कांग्रेस का साथ गठबंधन की राजनीतिक दलों का गठबंधन के बाद समाप्त हो गया। लेकिन इन दलों को भारत जोड़ो यात्रा में शामिल करने की अपील करके पार्टी ने एक बार फिर से सभी लोगों को एक मजबूत गठबंधन की राह पर चलकर भाजपा से लड़ने में सक्षम बनाने की कोशिश की है।