शिवसेना के नाम और चुनाव चिन्ह पर हुआ बड़ा सौदा, संजय राउत का दावा

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मुंबई : महाराष्ट्र में सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। उद्धव गुट लगातार इसको लेकर सवाल उठाया रहा है। वहीं, इस मामले में अब संजय राऊत ने बड़ा दावा किया है।  शिवसेना पर चुनाव आयोग का फैसला उद्धव गुट को स्वीकार नहीं हो रहा है। इसलिए उद्धव ठाकरे चुनाव आयोग के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने वाले हैं।

रिपोर्ट के अनुसार संजय राउत ने आयोग के फैसले के संबंध में बड़ा दावा कर दिया है। संजय राउत का आरोप है कि शिवसेना का चुनाव चिन्ह और नाम पाने के लिए 2000 करोड़ रुपये की डील हुई है। हालांकि उन्होंने ये साफ नहीं किया कि ये डील किस किस के बीच हुई है।

CM एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले खेमे से विधायक सदा सर्वंकर ने संजय राउत के दावे को खारिज कर दिया और पूछा कि क्या संजय राउत कैशियर हैं?” संजय राउत ने एक ट्वीट में दावा किया कि चुनाव चिन्ह और नाम पाने के लिए 2000 करोड़ रुपये की डील हुई है और यह 100 फीसदी सच था। उन्होंने पत्रकारों को यह भी बताया कि सत्तारूढ़ दल के करीबी एक बिल्डर ने उनके साथ यह जानकारी साझा की।
राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने यह भी कहा कि उनके दावे के समर्थन में सबूत हैं, जिसका खुलासा वह जल्द करेंगे। चुनाव आयोग ने शुक्रवार को शिवसेना पर नियंत्रण के लिए लंबी लड़ाई पर 78 पन्नों के आदेश में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता दी और उसे ‘धनुष और तीर’ चुनाव चिह्न आवंटित करने का आदेश दिया। तो वहीं चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे गुट को राज्य में विधानसभा उपचुनावों के पूरा होने तक आवंटित “धधकती मशाल” चुनाव चिन्ह रखने की अनुमति दी है।
संजय राउत ने बयान में कहा कि शिवसेना के नाम को ‘खरीदने’ के लिए 2,000 करोड़ रुपये कोई छोटी रकम नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग का फैसला सौदा है। उन्होंने कहा कि मेरे पास विश्वसनीय जानकारी है कि शिवसेना के नाम और उसके चिन्ह को हासिल करने के लिए 2000 करोड़ रुपये का सौदा हुआ है। साथ ही यह 100 फीसदी सच भी है। उन्होंने कहा कि बहुत सी चीजें जल्द सामने आएंगी।