कोरोनावायरस का संकट अब देश में लगातार बढ़ने लगा है। इस दौरान सबसे ज़्यादा ये खतरा महाराष्ट्र में देखा जा रहा है। महाराष्ट्र में रोज़ाना इस वायरस से संक्रमित कई मरीजों की पुष्टि हो रही है। ऐसे में छोटी सी गलती भी लोगों को बहुत भारी पड़ रही है। खबर है कि महाराष्ट्र के वाशिम जिले में एक ऐसा मामला आया है जिसमें अस्पताल के कर्मचारियों ने ही एक बहुत बड़ी ग़लती की है। जानकारी के मुताबिक वाशिम के जिला अस्पतालों में लिए गए कोरोना सैंपल में फंगस (Fungus) लग गई है और लैब ने इनकी जांच करने से साफ इंकार कर दिया है।
इस मामले की खबर मिलते ही प्रशासन ने जांच का आदेश जारी कर दिया है। बता दें कि नियमों के मुताबिक अस्पताल में लिए गए कोरोना सैंपल को 48 घंटों के अंदर ही जांच के लिए भेजना होता है। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि इन सभी सैंपल को 2 से 6 डिग्री तापमान में रखा जाता। अगर ऐसा नहीं करते तो सैंपल खराब हो जाता है। लैब अधिकारियों के अनुसार जिला अस्पतालों से 310 सैंपल जांच के लिए आए थे। जिसमें से 110 सैंपल में फंफूदी लगी थी। जिसको देखते हुए लैब ने जांच करने से साफ इंकार कर दिया।
इस दौरान डॉ. अविनाश आहेर ने अपने बयान में कहा कि “कुछ दिन पहले कोरोना के सैंपल लिए गए थे। सैंपल को 2 से 6 डिग्री तापमान पर रखा जाता है। इससे ये 48 घंटे तक ठीक रहते हैं। अगर तापमान ठीक नहीं रहा, तो सैंपल में टर्बिडिटी हो जाती है, जो सैंपल को सड़ा देता है. लैब में ऐसे ही सैंपल भेजे गए हैं। हमने उन्हें वापस कर दिया है और जांच के आदेश दिए हैं।” कोरोना काल के बीच ऐसा पहली बार हुआ है कि सैंपल लैब में जाने से पहले ही खराब हो गए।