राहुल की कर्जमाफी की घोषणा के बाद PM मोदी के दौरे से M P का सियासी पारा बढ़ा

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इंदौर। आगामी नवंबर में होनेवाले मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों की पृष्‍ठभूमि में शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलग-अलग कार्यक्रम में शिरकत करने के साथ ही सत्तारूढ़ बीजेपी ने प्रदेश में चुनावी शंखनाद कर दिया है। इस दौरे में प्रधानमंत्री मोदी ने करीब 8,714 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का लोकार्पण किया।

इससे पहले छह जून को मंदसौर में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने किसान रैली की थी। अब उसके एक पखवाड़े के भीतर ही पीएम मोदी के दौरे के बाद मध्‍य प्रदेश का सियासी पारा अचानक चढ़ गया है। मंदसौर में पिछले वर्ष किसान आंदोलन के दौरान पुलिस गोलीबारी में छह कृषकों की मौत हो गई थी। राहुल इन किसानों की बरसी पर छह जून को मंदसौर पहुंचे थे और कांग्रेस की “किसान समृद्धि संकल्प रैली” को संबोधित किया था।

”किसान समृद्धि संकल्प रैली” में राहुल गाँधी ने कृषि संकट के मुद्दे को गरमाते हुए सत्तारूढ़ भाजपा पर निशाना साधने के साथ अहम घोषणा की थी कि प्रदेश के अगले विधानसभा चुनावों में उनकी पार्टी की सरकार बनने पर 10 दिन के भीतर किसानों का कर्ज माफ कर दिया जायेगा। बहरहाल बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा इस बात को सिरे से खारिज करते हैं कि प्रधानमंत्री के एक दिवसीय मध्य प्रदेश दौरे के तहत आयोजित दोनों कार्यक्रमों में सत्तारूढ़ दल ने भीड़ जुटाकर अपना शक्ति प्रदर्शन किया, ताकि राहुल की किसान रैली का जवाब दिया जा सके।

सियासत के जानकारों के मुताबिक, बीजेपी ने पीएम मोदी के हाथों 4,000 करोड़ रुपये की लागत वाली सिंचाई परियोजना के लोकार्पण के बूते किसानों को खुश करने की कोशिश की है वहीं इंदौर में आयोजित कार्यक्रम के जरिये राज्य के अलग-अलग हिस्सों में 4713.75 करोड़ रुपये के विभिन्न विकास कार्यों की मोदी द्वारा ई-शुरूआत के आधार पर गरीब और मध्यम वर्ग के मतदाताओं को लुभाने का भी प्रयास किया है।

इस दौरे के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर आरोप लगाये कि उसने सियासत में परिवारवाद को बढ़ावा दिया तथा अपने पूर्ववर्ती शासनकाल में वोट बैंक के नफा-नुकसान को ध्यान में रखते हुए सरकारी योजनाएं चलाईं।

इस बीच, मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने एक बयान में मोदी के प्रदेश दौरे पर निशाना साधते हुए कहा, “भाजपा सरकार ऐसे समय में विकास पर्व मना रही है, जब प्रदेश में एक दलित किसान को जिंदा जला दिया जाता है, कर्ज के बोझ के कारण किसान प्रतिदिन आत्महत्या कर रहे हैं, बेरोजगार युवा मौत को गले लगा रहे हैं, अवैध रेत उत्खनन कर तेज रफ्तार से दौड़ते डम्पर लोगों को कुचल रहे हैं और महिलाएं प्रतिदिन ज्यादती का शिकार हो रही हैं।”
कमलनाथ ने आरोप लगाया कि भाजपा चुनावी वर्ष में “विकास पर्व” के माध्यम से झूठे शिलान्यास, भूमि पूजन और घोषणाएं कर प्रदेश की जनता को गुमराह कर रही है। उन्होंने कहा, “आज प्रदेश के जो हालात हैं, उन्हें देखते हुए भाजपा सरकार को विकास पर्व के बजाय प्रायश्चित पर्व मनाना चाहिये।”