मूडीज ने ‘ग्लोबल मैक्रो आउटलुक 2020-21’ में भारतीय अर्थव्यवस्था पर लगाया ब्रेक,2.5% से घटकर 0.2 फीसदी

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कुछ महीनों से भारत ही नही विश्व भर में कोरोना वायरस का कहर ऐसे बरप रहा है कि,लगभग सभी देशों की अर्थव्यवस्था पर बहुत ही गहरा असर पड़ा है।मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने ‘ग्लोबल मैक्रो आउटलुक 2020-21’ में वर्ष 2020 के लिए भारत के वृद्धि अनुमान को घटाकर 0.2 प्रतिशत कर दिया, जबकि मार्च में उसने इसके 2.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद जताई थी।

मूडीज ने कहा कि कोरोना वायरस संकट के चलते वैश्विक अर्थव्यवस्था के बंद होने की आर्थिक लागत तेजी से बढ़ रही है।इस रिपोर्ट में अनुमान जताया गया कि जी20 देशों की वृद्धि दर में सामूहिक रूप से 5.8 प्रतिशत की कमी होगी।2021 के लिए, मूडीज ने भारत की विकास दर को 6.2 फीसदी रहने का अनुमान जताया है।वहीं,मूडीज ने 2020 में, चीन की अर्थव्यवस्था के एक फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान जताया है।

गौरतलब है कि,भारत मे 21 दिनों के लॉकडाउन को बढ़ा कर 40 दिनों का कर दिया है, ऐसे में देश मे सभी गतिविधियों और कामक़ाज़ों पर रोक लग जाने से अर्थव्यवस्था पर बेहद गम्भीर असर पड़ा है।अप्रैल के उत्तरार्ध में कृषि कटाई की सुविधा के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिबंधों में छूट दी गई. देश ने यह निर्धारित किया है कि इनमें से कई क्षेत्र वायरस से मुक्त हैं। भारत ने लॉकडाउन खोलने के लिए चरणबद्ध तरीके से योजना बनाई है।इसी के साथ वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच ने कहा है कि लॉकडाउन की अवधि बढ़ने के साथ ही आर्थिक वृद्धि को समर्थन देने के लिए भारत सरकार वित्तीय क्षेत्र में नये प्रोत्साहन उपायों की घोषणा कर सकती है।ऐसी स्थिति में उसकी भारत की रेटिंग का आकलन संकट बाद के माहौल पर किया जाएगा।फिच ने यह भी कहा है कि,अगर कमजोर वृद्धि या वित्तीय मानदंडों में ढील से भारत के फाइनेंशियल आउटलुक की स्थिति बिगड़ती है तो रेटिंग पर दबाव आएगा।