वर्तमान वि’त्त वर्ष की पहली तीन तिमा’ही अप्रैल से दिसंबर तक यानी 9 महीने में 18 सरकारी बैंकों से 1.17 लाख करोड़ रुपये की धो’खाधड़ी सामने आई है। 8,926 माम’लों में यह धो’खाधड़ी की गई है। गौर करने की बात यह कि धो’खाधड़ी का सबसे ज्यादा शि’कार देश का सबसे बड़ा कर्ज’दाता बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया हुआ है।
RTI आवेदक चंद्रशेखर गौर ने बताया है कि इस RTI का जवाब भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा दिया गया है। इस RTI से पता चलता है कि एसबीआई बैंक में फ्रॉ’ड के कुल 4,769 मामले हैं, जिसमें बैंक को कुल 30,300 करोड़ रुपये का नुक’सान होने की संभा’वना है। ये आंक’ड़ा चा’लू वित्त वर्ष की पहली तीन तिमाही यानी अप्रैल से दिसंबर के बीच की है।
बैंक ऑफ बड़ौदा में 250 मामलों में 11,166.19 करोड़ की धो’खाधड़ी सामने आई। इलाहाबाद बैंक ने 860 माम’ले दर्ज कराए, जिसमें 6,781.57 करोड़ की धो’खाधड़ी सामने आई। बैंक ऑफ इंडिया के 161 माम’लों में 6,626.12 करोड़, यूनियन बैंक के 292 माम’लों में 5,604.55 करोड़ का चू’ना लगा। ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स ने 282 माम’ले दर्ज कराए, जिससे 4,899.27 करोड़ की धो’खाधड़ी हुई।
केनरा बैंक, सिंडिकेट बैंक, कॉरपोरेशन बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, यूको बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, आंध्र बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन बैंक और पंजाब व सिंध बैंक में 1,867 माम’ले सामने आए, जिसमें कुल 31,600.76 करोड़ की धो’खाधड़ी सामने आई।