“कांग्रेस पार्टी दिल्ली चुनाव के प्रचार में रही पीछे, कहा इस बार आप और बीजेपी में है मुकाबला..”

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कांग्रेस पार्टी के नेता आपस में यह धा’रणा बना रहे है कि इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच मुकाबला है। जिसकी वज’ह से कांग्रेस पार्टी चुनाव के प्रचा’र में पीछे है।

पांच साल पहले दिल्ली विधासभा चुनाव में करारी हा’र के बाद एक बार फिर कांग्रेस पार्टी के सिर पर ख़रा’ब प्रद’र्शन का खत’रा मंड’रा रहा है। उनका मानना है कि इस बार के चुनाव में AAP और BJP के बीच ही कड़ा मुकाबला है और इसी कारण से कांग्रेस पार्टी किसी तरह का सं’घर्ष ही नहीं कर रही।

विधानसभा चुनावों की रणनीति व प्रबंधन से जुड़े कांग्रेस के नेता का कहना था कि “एक समय दिल्ली में सबसे मजबूत राजनीतिक दल के तौर पर स्थापित और लगातार 15 वर्षों तक शासन कर चुकी कांग्रेस मुश्किल से पांच या छह विधानसभा क्षेत्रों में ही ठीक से चुनाव लड़ रही है।”

ओखला इलाके में सामाजिक कार्यकर्ता मोहम्मद अहमद कहते हैं, “कुछ हफ्ते पहले तक यहां कांग्रेस की स्थिति मजबूत थी, लेकिन अब यहां के लोगों में यह माहौल बनता दिख रहा है कि वो भाजपा विरो’धी वोटों का बं’टवारा नहीं करेंगे। ऐसी स्थिति में कांग्रेस के लिए यहां से जीतना काफी मुश्किल नजर आ रहा है।”

कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेता व पूर्व सांसद परवेज हाशमी को ओखला का उम्मीदवार बनाया है। नागरिकता संशोधन कानून के खि’लाफ ध’रना प्रर्द’शन का केंद्र बना शाहीन बाग इसी विधानसभा क्षेत्र के अं’तर्गत आता है।

वहीं सीलमपुर निवासी मोहम्मद सलीम कहना है कि, “आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार बदलने और भाजपा विरो’धी मतों के बं’टवारे के डर से कांग्रेस लिए लड़ाई कठिन हो गई है।” सलीम का कहना था कि “पूरी तस्वीर मतदान से एक-दो दिन पहले ही साफ होगी।”

उन्होंने कहा, “दिल्ली का चुनावी मुकाबला पूरी तरह से द्वि-दलीय हो गया है। ऐसी स्थिति में कांग्रेस के वोट प्रतिशत का दहाई के अंक में पहुंचना भी मुश्किल नजर आ रहा है।”

2019 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को 22.46 फीसद वोट मिले थे और उसने दूसरा मुकाम हासिल किया था। लेकिन पिछले साल विधानसभा चुनाव में कोई सीट नहीं मिली थी और उसे तकरीबन 10 प्रतिशत ही वोट मिलने के कार’ण बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा था।

इसी वज’ह से कांग्रेस के शीर्ष नेताओं सोनिया गांधी, राहुल गांधी व प्रियंका गांधी वाड्रा ने दिल्ली में चुनावी सभा से परहेज किया है और तीनों शायद मतदान के ठीक पहले ही प्रचा’र में उतरेंगे।