इंटरनेशनल कोर्ट को अमेरिका की धमकी, कहा – हमारे खिलाफ जांच हुई तो इंटरनेशनल कोर्ट पर लगेगा प्रतिबंध, जज होंगे गिरफ्तार

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वॉशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (आईसीसी) के न्यायाधीशों और वकीलों को धमकी दी है। बोल्टन ने कहा कि अगर अंतरराष्ट्रीय क्रिमिनल कोर्ट अफगानिस्तान में युद्ध लड़ रहे किसी भी अमेरिकी के खिलाफ कथित अपराधों की जांच करता है, तो वे आईसीसी के जजों को गिरफ्तार कर सकते हैं। ट्रंप के सुरक्षा सलाहकार ने हेग (नीदरलैंड का शहर) में स्थित आईसीसी को एक ‘गैरजिम्मेदार’ और ‘बहुत खतरनाक’ बताया है।

सोमवार को वॉशिंगटन में दिए एक भाषण में बोल्टन ने इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) को कड़ी फटकार लगाते हुए उसपर प्रतिबंध लगाने और जजों को गिरफ्तार करने की धमकी दी है। उन्होंने कहा, ‘आज 11 सितंबर (आतंकी हमले) की पूर्व संध्या पर मैं राष्ट्रपति की तरफ से एक साफ संदेश देना चाहता हूं। अमेरिका अपने नागरिकों और अपने सहयोगियों को इस अवैध (आईसीसी) न्यायालय से बचाने के लिए हर जरूरी तरीका अपनाएगा। हम आईसीसी के साथ सहयोग नहीं करेंगे। हम उसकी कोई मदद नहीं करेंगे। हम उसे खुद ही खत्म होने के लिए छोड़ देंगे। वैसे भी अपने इरादों और उद्देश्यों की वजह से आईसीसी हमारे लिए पहले ही खत्म हो चुका है।

बोल्टन ने कहा कि अगर आईसीसी अमेरिका, इजरायल या अन्य किसी देश के खिलाफ कोई कदम उठाता है, तो वे चुप नहीं बैठेंगे। बोल्टन ने कहा कि अमेरिकी सदस्यों के खिलाफ कोई भी जांच पूरी तरह से निराधार, अन्यायपूर्ण जांच साबित होगी।

बोल्टन ने आगे कहा कि अगर अमेरिका के खिलाफ किसी भी प्रकार की जांच होती है, तो इंटरनेशनव क्रिमिनल कोर्ट को दी जाने वाली फंडिंग को वे रोक देंगे। ट्रंप के सुरक्षा सलाहकार ने धमकी देते हुए कहा, ‘हम पर उनके फंड पर प्रतिबंध लगाएंगे और यूएस क्रिमिनल सिस्टम में उन पर मुकदमा चलाएंगे।’ वॉशिंगटन में फडरेलिस्ट सोसयटी को दिए स्पीच में बोल्टन ने यह भी कहा कि अमेरिका के खिलाफ जांच में आईसीसी की जो भी देश मदद करेगा, उसके साथ भी हम कड़े तरीकों से पेश आएंगे।

बता दें कि अफगानिस्तान में करीब 18 सालों से जंग लड़ रहे अमेरिका के खिलाफ आईसीसी ने पिछले साल नवंबर 2017 में शक के आधार पर हिरासत में लिए लोगों को यातना देने और परेशान करने का आरोप लगाया था। बोल्टन ने कहा कि आईसीसी अपने मन से यह जांच कर रही है, क्योंकि न तो अफगानिस्तान ने और ना ही किसी अन्य देश ने अमेरिका के खिलाफ जांच की मांग की है।