गांधी जयंती के खास अवसर पर महाराष्ट्र सरकार की ओर से एक बड़ा फैसला किया गया है। महाराष्ट्र सरकार की ओर से जारी एक प्रस्ताव में कहा गया है कि अब महाराष्ट्र में कभी भी हेलो शब्द का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। जारी प्रस्ताव के अनुसार महाराष्ट्र सरकार अपने कार्यालयों में फोन पर ‘हेलो’ की बजाए ‘वंदे मातरम’ शुरू कर रही है। मिली जानकारी के अनुसार राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और सुधीर मुनगंटीवार वर्धा इस अभियान की शुरुआत करने जा रहे हैं। इस अभियान के शुरू होने से पहले ही इसका विरोध होना शुरू हो चुका है।
बता दें कि विपक्ष के कई बड़े नेता इस संकल्प का विरोध कर रहे हैं। हालांकि महाराष्ट्र सरकार का कहना है कि “हेलो’ शब्द पश्चिमी संस्कृति की नकल है और बिना किसी विशिष्ट अर्थ के अभिवादन करने का तरीका है। यह शब्द कोई स्नेह पैदा नहीं करता है।” कांग्रेस नेता हुसैन दलवई, एआईएमआईएम प्रवक्ता वारिस पठान और सपा नेता अबू आसिम आजमी जैसे बड़े नेता महाराष्ट्र सरकार का विरोध कर रहे हैं। वारिस पठान का कहना है कि “ये क्या नया नाटक है, इससे रोजगार मिलेगा क्या? यह बीजेपी का जरूरी मुद्दों जैसे कि बेरोजगारी और महंगाई से ध्यान हटाने का तरीका है।”
वहीं, सपा नेता अबू आसिम आजमी ने भी इसके खिलाफ कई बातें कहीं। अबू आसिम ने कहा कि “मैं सीएम से पूछना चाहता हूं कि आप हमेशा बाला साहेब की तरह ‘जै महाराष्ट्र’ बोला करते थे तो फिर बीजेपी और आरएसएस के दवाब में आकर इसे छोड़ने के लिए क्यों कह रहे हैं। ‘जै महाराष्ट्र’ बोलना देशद्रोह है क्या?” वह आगे कहते हैं कि “हम सारे जहां से अच्छा हिंदोस्ता हमारा बोलते हैं, जै हिंद बोलते हैं… क्या इससे कहीं भी देश के खिलाफ नफरत नजर आती है। अगर कोई सच्चा मुसलमान है तो वह खुदा के अलावा किसी के आगे सिर नहीं झुकाएगा और इसमें देशद्रोह नहीं है।”