राष्ट्रपति चुनाव से पहले बसपा प्रमुख की बड़ी घोषणा, विपक्षी उम्मीदवार का नहीं करेंगी समर्थन…

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अगले महीने देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल समापत होने जा रहा है। जिसके चलते अब नए राष्ट्रपति के चुनाव को लेकर देश भर में सियासी तापमान बढ़ता जा रहा है। बता दें कि भाजपा और विपक्ष द्वारा राष्ट्रपति उम्मीदवार के नामों पर अंतिम मुहर भी लगाई जा चुकी है। जहां एक तरफ़ एनडीए गठबंधन ने झारखंड की पूर्व गवर्नर द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति उम्मीदवार होने की घोषणा की है। वहीं, विपक्ष द्वारा आपस में विचार विमर्श कर के यशवंत सिन्हा को अपना उम्मीदवार बनाया है।

अभी तक विपक्ष में सब कुछ सही चल रहा था। लेकिन अचानक से सामने आए बसपा प्रमुख मायावती के बयान के बाद विपक्ष की परेशानियां बढ़ चुकी हैं। दरअसल, मायावती ने खुलेआम एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है। अगर वह एनडीए गठबंधन को समर्थन देती हैं तो विपक्ष का जीतना काफी मुश्किल हो जाएगा। हालांकि उन्होंने अपने इस बड़े कदम के पीछे की वजह भी बताई। उनका कहना है कि यशवंत सिन्हा के नाम की घोषणा करने से पहले विपक्ष ने उनसे उनकी राय नहीं ली।

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वह कहती हैं कि “बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी व पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने बसपा को राष्ट्रपति उम्मीदवार तय करने के लिए आयोजित बैठक में नहीं बुलाया। बसपा एकमात्र राष्ट्रीय पार्टी है, जिसका नेतृत्व दलितों के साथ है. हम ऐसी पार्टी नहीं हैं जो बीजेपी या कांग्रेस को फॉलो करती है, या जो उद्योगपतियों से जुड़ी है. हम उत्पीड़ितों के पक्ष में निर्णय लेते हैं. ऐसे में अगर कोई पार्टी ऐसी जातियों या लोगों के वर्ग के पक्ष में निर्णय लेती है, तो हम परिणाम की परवाह किए बिना इन दलों का समर्थन करते हैं।”

उन्होंने कहा कि “बंगाल की सीएम ने पहली बैठक के लिए कुछ चुनिंदा पार्टियों को ही बुलाया और शरद पवार ने भी बसपा को चर्चा के लिए नहीं बुलाया। विपक्ष ने केवल राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार पर आम सहमति बनाने की कोशिश का ढोंग किया। विपक्ष बसपा के खिलाफ अपनी जातिवादी मानसिकता के साथ जारी है और इसलिए हम राष्ट्रपति चुनाव पर निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं। हमारी पार्टी ने आदिवासी समुदाय को हमारे आंदोलन के एक प्रमुख हिस्से के रूप में पहचाना है और द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में समर्थन देने का फैसला किया है। इसका बीजेपी या विपक्ष से कोई लेना-देना नहीं है।”