रोजगार दिलाने के नाम पर बच्चों से करवाते थे चोरी, सच सामने आने पर पुलिस भी…

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आज कल हर कोई पैसे कमाना चाहता है। इतने पैसे जिससे उसकी सारी ज़रूरतें पूरी हो जाएं। अक्सर कई लोग पैसे कमाने में इतने अंधे हो जाते हैं कि उनको फर्क नहीं पड़ता कि जो काम वो कर रहे है, वो सही है या ग़लत। कई लोग पैसों के लिए चोरी करते हैं और बहुत से लोग दूसरों से चोरी करवाते हैं। ऐसा ही एक मामला दिल्ली से सामने आया है। दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे ही गैंग का पर्दफाश किया है जो बच्चों की तस्करी करती थी। इस गैंग के लोग झारखंड, बिहार और बंगाल से बच्चों को दिल्ली ला कर उनसे गैरकानूनी  करवाते थे।

इस गैंग के बदमाश झारखंड व छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों में जाकर लोगों को अपनी बातों में फंसा कर उनके बच्चों को अपने साथ ले आते थे। उन्हें झांसा दिया जाता था कि उनके बच्चों को ये दिल्ली में ले जाएंगे और अच्छा रोजगार दिलाएंगे। ये बातें सुनकर वह इन लोगों के झांसे में आ जाते थे। जिसके बाद वह बच्चों को दिल्ली लाकर उनका इस्तेमाल जेबतराशी व चोरी में जैसे गैरकानूनी कामों में करते थे। द्वारका जिला पुलिस की टीम ने गिरोह के सात बदमाशों को गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से 14 मोबाइल फोन व एक एलइडी टीवी भी बरामद किया है।

बता दें कि 15 जनवरी के दिन द्वारका पुलिस ने एक बाज़ार में एक बच्चे को लावारिस हालत घूमता हुआ देखा। जिसके बाद पुलिस ने उस बच्चे को रोक कर उससे बातचीत की और उसको भरोसा दिलाया की वह उसके साथ है। तब बच्चे ने बताया कि एक गिरोह के बदमाश उसे जबरन मोबाइल चोरी करवाते हैं। जिसके बाद पुलिस ने इसकी जांच पड़ताल की और अपराधियों को पकड़ लिया। इस बीच पुलिस ने 4 बच्चों को भी उनके चंगुल से मुक्त करवा दिया जिनकी उम्र करीब 7 से 11 साल थी। ये लोग बच्चों से मोबाइल चोरी करवाते थे और मोबाइल को आधी कीमत पर पश्चिम बंगाल के मालदा जिलपा स्थित कलिया चौक गांव निवासी सारेकुल को बेच देते थे। ऐसा कर के ये लोग महीने में करीब छह लाख रुपए तक कमा लेते थे।