बदलती जरूरतों के साथ केंद्र सरकार ने संसद भवन को भी बदलने की योजना बनाई है। जिसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई थी। सरकार ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट (Central Vista Project) के तहत नए संसद भवन बनाने की बात रखी थी। जिसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अब फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ नए संसद भवन के निर्माण की अनुमति दे दी है। जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली 3 जजों की बेंच ने मंगलवार को 2:1 से इस परियोजना (Central Vista Project) के पक्ष में फैसला सुनाया।
कोर्ट ने कहा कि “इस प्रोजेक्ट के लिए पर्यावरण मंजूरी व अन्य अनुमति में कोई खामी नहीं है, ऐसे में सरकार अपने इस प्रोजेक्ट को लेकर आगे बढ़ सकती है।” बता दें कि केंद्र सरकार की इस परियोजना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में बहुत सी याचिका दाखिल हुई। जिनको खारिज करते हुए कुछ शर्तों के साथ सेंट्रल विस्टा परियोजना को मंजूरी दे दी है। इन याचिकाओं में कहा गया था कि “बिना उचित कानून पारित किए इस परियोजना को शुरू किया गया। इसके लिए पर्यावरण मंजूरी लेने की प्रक्रिया में भी कमियां हैं। हजारों करोड़ रुपये की यह योजना सिर्फ सरकारी धन की बर्बादी है।”
इस प्रोजेक्ट के खिलाफ दायर की गई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि “हम इस दलील को खारिज करते हैं कि सेंट्रल विस्टा में कोई नया निर्माण नहीं हो सकता। विचार इस पहलू पर किया जाएगा कि क्या प्रोजेक्ट के लिए सभी कानूनी ज़रूरतों का पालन किया गया।” जानकारी के मुताबिक नए संसद भवन में 876 सीट वाली लोकसभा, 400 सीट वाली राज्यसभा और 1224 सीट वाला सेंट्रल हॉल बनाया जाएगा।