पूर्व PM मनमोहन सिंह ने दिए मोदी को सुझाव, कहा “देश की…”

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कोरो’ना वाय’रस की इस महामा’री में लोगों की जा’न का नु’क़सान बहुत ज़्यादा हुआ। साथ ही साथ देश की अर्थव्यवस्था पर भी बु’रा प्रभा’व पड़ा है। देश में इस महामा’री से पहले ही कुछ सेक्टर्स भारी मु’श्किलों का सामना कर रहे थे लेकिन महामा’री के बाद ये संक’ट आम जनता के रोज’गार और आर्थिक क्षमता को प्रभा’वित करने के स्तर तक गहरा गई है। जिसके बाद बि’गड़ती अर्थव्यवस्था को देख सरकार ने बाजार में पैसे डालने का फैसला लिया और कई उद्योगों को आर्थिक सहायता दे रही है। जिसके बाद भारत के पूर्व प्रधान मंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह का कहना है कि सिर्फ इतना ही करना काफी नहीं। सरकार को अगले कुछ सालों तक अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए बड़े कदम उठाने होंगे।

भारत के पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने BBC से बातचीत के दौरान सरकार को देश की अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए 3 सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि “सरकार को जो सबसे पहला काम करना चाहिए, वो ये सुनिश्चित करना चाहिए कि लोगों की आजीविका सुर’क्षित रहे और उनको प्रत्यक्ष रूप से आर्थिक सहायता देकर उनके खर्च करने की क्षमता को बनाए रखा जाए।” दूसरा सुझाव में उन्होंने बोला कि “सरकार को सरकारी क्रेडिट गारंटी कार्यक्रमों के जरिए व्यापार और उद्योगों को पर्याप्त पूंजी उपलब्ध कराना चाहिए।” उन्होंने कहा कि “तीसरा काम यह करना होगा कि उसे फाइनेंशियल सेक्टर में संस्थागत स्वायत्तता और प्रक्रियाओं के जरिए सुधार लाना होगा।” उन्होंने कहा कि देश में मौजूदा हालातों को देखते हुए देश में एक गहरा आर्थिक संक’ट आना निश्चित है।
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बता दें कि इससे पहले भारतीय रिज़र्व बैंक ने भी कहा था कि “कोविड-19 के चलते घरेलू अर्थव्यवस्था की हालत और खराब हो सकती है।” बीते गुरुवार को मॉनेटरी पॉलिसी की घोषणा के दौरान गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी आशंका जताई थी कि अगर कोरो’ना वाय’रस की महामा’री लंबे समय तक चली तो देश में अर्थव्यवस्था की हालत और पतली हो सकती है। उन्होंने कहा कि “महामा’री पर पहले काबू पा लिया गया तो उसका अर्थव्यवस्था पर ‘अनुकूल’ प्रभा’व पड़ेगा। इसके ज्यादा लंबा खिंचने, मानसून सामान्य रहने का अनुमान सही न निकलने और वैश्विक वित्तीय बाजार में उठा-पटक बढ़ने की स्थिति में घरेलू अर्थव्यवस्था पर ‘बु’रा प्रभा’व’ पड़ सकता है।”