महाराष्ट्र : राज्य में अन्नदाता किसानों के आत्महत्या के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। यहां किसान हर दिन अपनी जान दे रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार अकेले चंद्रपुर जिले में इस साल जनवरी से जुलाई तक 73 किसानों ने आत्महत्या की है, जिसमें पिछले महीने के 13 किसान भी शामिल हैं। 2001 से 2023 तक जिले में 1,148 किसानों ने अपनी जान दे दी है, जिनमें पिछले पांच वर्षों में 446 किसान शामिल हैं।
मिडिया रिपोर्ट के अनुसार जिला प्रशासन ने जिला कलेक्टर, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और पुलिस अधीक्षक की एक समिति ने 2001 और 2022 के बीच आत्महत्या करने वाले 745 किसानों के परिजनों को सरकारी मुआवजे के लिए पात्र और 329 मृत किसान परिवारों के अयोग्य घोषित किया था। जिला प्रशासन ने मृत किसानों के परिजनों को मुआवजा देने के लिए सरकार को एक प्रस्ताव भेजा था और दिसंबर 2022 से 48 मामले लंबित हैं।
किसानों द्वारा आत्महत्या के मामले में सरकार तय मानदंडों के आधार पर मुआवजा देती है। कलेक्टरेट के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हम आत्महत्या करने वाले किसानों के परिजनों को 1 लाख रुपये की मुआवजा राशि प्रदान करने के लिए 2006 में अद्यतन दिशानिर्देशों का पालन कर रहे हैं।
कृषि विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस साल जून-जुलाई में बाढ़ के कारण जिले के 64,379 किसानों की कुल 54,514.65 हेक्टेयर फसल क्षतिग्रस्त हो गई। उन्होंने कहा कि जिले में बाढ़ से कुल 852 गांव प्रभावित हुए हैं।
कृषि विभाग के अनुसार, जिले में कुल 3,51,091 किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के तहत 1 रुपये (प्रीमियम) फसल बीमा लिया है, जिसमें ऋण लेने वाले 50,890 किसान और 3,00,201 गैर-ऋण लेने वाले किसान शामिल हैं। इसमें कहा गया है कि जिले में पीएमएफबीवाई के तहत कुल 3,28,155.26 हेक्टेयर फसल का बीमा किया गया है।