उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद बसपा विधायक मुख्तार अंसारी की आज एक मामले में वर्चुअल सुनवाई हुई। इस सुनवाई के दौरान उन्होंने कई राज़ खोले। बता दें कि सीजेएम राकेश कुमार के सामने बाराबंकी एम्बुलेंस मामले की सुनवाई वर्चुअली हुई। इस सुनवाई के दौरान मुख्तार अंसारी ने बताया कि पूर्वांचल के माफिया बृजेश सिंह अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के सहयोगी हैं। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि पुलिस ने इस मामले कई और नाम शामिल किए हैं। लेकिन इन सभी लोगों का इस मामले से कोई तालुक नहीं है। ये एक दम फर्जी हैं।
उन्होंने अदालत से कहा कि “पुलिस इस केस में रोज़ नए-नए नाम फर्जी शामिल कर रहे हैं। बढ़ाए गए नामों में सुरेंद्र शर्मा,अफरोज समेत जो लोग शामिल किए गए हैं। ये सभी दाऊद इब्राहिम के साथी बृजेश सिंह द्वारा की गई हत्या में गवाह हैं।” मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता रणधीर सिंह सुमन ने बताया मुख्तार अंसारी ने सुनवाई के दौरान अपने बैरक में टीवी लगवाने के लिए इजाजत मांगी। उन्होंने अदालत से कहा कि “हुजूर आपके अधिकार बहुत हैं। जेल मैन्युअल के तहत मैंने बैरक में टीवी लगवाने की आपसे विनती की थी। जिसका आदेश आपने अभी तक नहीं दिया है। दो लाइन लिखकर दे दीजिए। जिससे टीवी हमारे बैरक मे लग जाए।”
बता दें कि अब इस मामले की अगली सुनवाई 2 अगस्त को होगी। गौरतलब हैं कि बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को पंजाब जेल से बांदा जेल लाने के लिए एक एंबुलेंस का इस्तेमाल किया गया था। ये एंबुलेंस बाराबंकी की थी। आरोप है कि इस एंबुलेंस का पंजीकरण फर्जी दस्तावेजों के आधार पर किया गया था। जिसके बाद इस मामले में मुख्तार अंसारी समेत कई और लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था।