कर्नाटक में सियासी बवाल जारी है। ठेकेदार संतोष पाटिल की मौत के बाद से विपक्ष लगातार कर्नाटक सरकार पर निशाना साधे हुई है। विपक्ष उसकी मौत के बाद से ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री केएस ईश्वरप्पा को गिरफ्तार कर और उनको पद से हटाने की मांग कर रहा है। इस बीच खबर सामने आई है कि पंचायती राज मंत्री केएस ईश्वरप्पा ने खुद ही इस्तीफा देने का फैसला किया है। उनका कहना है कि वह अपनी वजह से पूरी पार्टी को परेशान नहीं होने देना चाहते। मंत्री के इस्तीफे की पुष्टि राज्य के मुख्यमंत्री ने की है।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर तंज कसा है। विपक्ष की बातों का मुंह तोड़ जवाब देते हुए मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा है कि “विपक्ष को इस मामले में राजनीति करने को कोई जरूरत नहीं है। विपक्षी दल खुद ही जांच अधिकारी या जज न बने, जो कुछ सचाई होगी, जांच से सामने आ जाएगी।” वहीं, माना जा रहा है कि आलाकमान के दवाब के कारण ईश्वरप्पा ने इस्तीफा दिया है।
आपको बता दें कि ठेकेदार संतोष पाटिल ने मंत्री के खिलाफ गंभीर आरोप लगाया था। आरोप में कहा गया था कि ईश्वरप्पा ने उनसे 4 करोड़ के ठेके के बदले 40 प्रतिशत कमीशन मांगी थी। लेकिन जब इस बारे में ईश्वरप्पा से पूछा गया तो उन्होंने खुद पर लगे इस आरोप को खारिज कर दिया। आरोपों को खारिज करते हुए ईश्वरप्पा ने ठेकेदार के खिलाफ मानहानि का आरोप लगाया। जिसके बाद संतोष पाटिल ने उडुपी के एक लॉज में आत्महत्या करली और इसका जिम्मेदार उन्होंने मंत्री ईश्वरप्पा को ठहराया।