बड़ी खबर: CM की कुर्सी गई, ये मामला बना गले की फांस!

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झारखंड: झारखंड की राजनीति जुड़ी बड़ी खबर है। चुनाव आयोग ने झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की है। जानकारी के अनुसार चुनाव आयोग ने सोरेन को अयोग्य घोषित करने की सिफारिश कर दी है। अब यह राज्यपाल पर निर्भर है कि वह चुनाव आयोग की सिफारिश पर क्या विचार देते हैं।

सूत्रों के मुताबिक, चुनाव आयोग ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की ओर से की गई शिकायत को सही पाते हुए उनकी सदस्यता रद्द करने की सिफारिश करते हुए राज्यपाल को रिपोर्ट भेजी है। विधायकी जाने पर सोरेन को कुर्सी छोड़नी होगी। चर्चा है कि वह अपनी पत्नी को सीएम की कुर्सी पर बैठा सकते हैं।

हेमंत सोरेन से जुड़े खनन पट्टा मामले में 22 अगस्त को चुनाव आयोग में सुनवाई पूरी हो गई थी, जिसके बाद रिपोर्ट को सीलबंद लिफाफे में राज्यपाल को भेज दिया गया था। भाजपा ने सोरेन पर आरोप लगाया था कि उन्होंने अवैध रूप से अपने नाम खनन पट्टा आवंटित किया। जनप्रतिनिधित्व कानून का हवाला देते हुए बीजेपी ने उन्हें विधायक के रूप में उन्हें अयोग्य ठहराने की मांग की थी।

ये है पूरा मामला
यह पूरा मामला रांची के अनगड़ा प्रखंड में 88 डेसमिल पत्थर खदान खनन की लीज से जुड़ा है। बीजेपी ने आरोप लगाया था कि हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री और खनन मंत्री का पद संभालते हुए अपने नाम लीज आवंटित किया। वहीं हेमंत सोरेन की दलील थी कि यह लीज उन्हें 14 साल पहले 17 मई 2008 को 10 साल के लिए मिली थी।

2018 में इसे रिन्यू नहीं किया गया। फिर 2021 में लीज को रिन्यू किया गया। लेकिन 4 फरवरी तक प्रशासन ने खनन की अनुमति नहीं दी तो उन्होंने लीज सरेंडर कर दिया। सोरेन ने दलील दी थी कि उन्होंने खनन नहीं किया और उनके पास कोई माइनिंग लीज भी अब नहीं है।