उत्तराखंड: मदन कौशिक का क्या होगा, मंत्री बनेंगे या फिर…?

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देहरादून: उत्तराखंड की राजनीति खासकर हरिद्वार के राजनीति गणित को अच्छी तरह समझने वाले मदन कौशिक भाजपा में बेहतर रणनीतिकार माने जाते हैं। विपक्ष पर पलटवार के लिए भी मदन कौशिक माहिर हैं। भाजपा सरकार जब-जब रही, कौशिक हर सकरार में ताकतवर मंत्री रहे। मंत्री पद से हटने के बाद उनको प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। उनके कार्यकाल के दौरान भाजपा ने सरकार तो बनाई, लेकिन हरिद्वार में पहली बार मदन कौशिक का खुलकर विरोध हुआ।

मदन कौशिक के अध्यक्ष पद से हटने के बाद अब उनको राजनीतिक भविष्य को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं। उनके समर्थकों को इस बात का इंतजार है कि उनको अब क्या जिम्मेदारी मिलेगी। यह दिल्ली से तय होगा या पहले ही कर लिया गया होगा। ऐलान कब होगा, फिलहाल यह किसी को पता नहीं है।

सवाल है क्या उनकी मंत्रीमंडल में वापसी होगी या फिर दिल्ली में उनको कोई बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। फिलहाल, केवल अटकलें लगाई जा रही हैं। दोनों ही बातों की संभावनाएं हैं। मदन कौशिक को भले ही भाजपा संगठन में कोई बड़ी चुनौती नहीं मिली हो, लेकिन उनके सामने उन्हीं के जिले के विधायक को बड़े नेता दीवार बनकर खड़े रहे हैं। कौशित लोकसभा जाना चाहते थे, हालांकि ऐन वक्त पर उनका टिकट काट दिया गया और उनका सपना अधूरा रह गया।

मदन कौशिक का भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में अभी कार्यकाल बचा हुआ था। उनको समय से पहले ही हटा दिया गया। इसको लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर ऐसा क्यों किया गया। यह पहला मौका है, जब भाजपा सरकार में कौशिक पैदल हुए हैं।

राज्य बनने के बाद 2002 के चुनाव में पहली बार हरिद्वार से मदन कौशिक विधायक बने थे। 2007 में भाजपा की सरकार आई तो मदन कौशिक शिक्षा मंत्री बने। 2012 में सरकार गई तो कौशिक उप नेता प्रतिपक्ष बने। 2017 में सरकार बनने के बाद मदन कौशिक फिर से कैबिनेट मंत्री बने और शासकीय प्रवक्ता भी रहे। बने। 2021 में कैबिनेट मंत्री रहते ही उनको प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया था। बाद में उनको मंत्री पद से हटा दिया गया।