उत्तराखंड: केदारनाथ धाम के वरिष्ठ पुजारी श्रीनिवास पोस्ती ने बताया, ऐसे संवरी केदारपुरी, जिम्मेदारियां भी बताई

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केदारनाथ धाम में भोले बाबा की 53 सालों से सेवा करने वाले वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित एवं वर्तमान में बीकेटीसी के सदस्य श्री निवास पोस्ती अपने लम्बे सामाजिक, धार्मिक अनुभवों को साझा करते हुए बताते हैं कि अपने जीवन में श्री केदार बाबा के आशीर्वाद से बड़े उतार चढ़ाव देखे हैं,विशेष तौर पर 2013 की भीषण आपदा के पश्चात मानो लग रहा था कि अब केदारनाथ का भविष्य क्या होगा।

इतनी ज्यादा जान माल की हानि हुई थी। कैसे आम जन  का जीवन पटरी पर आएगा। क्योंकि अधिकतर लोग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से धाम पर ही आश्रित हैं।स्थानीय लोग हताश थे, बाहर से आने वाला तीर्थ यात्री घबराया हुआ था। लेकिन, तमाम घटनाओं के बाद एक बात सभी भक्तों की बाबा केदार बाबा के प्रति आशा और विश्वास हमेशा की तरह बना हुआ रहा।

वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित श्रीनिवास पोस्ती कहते हैं कि जैसे ही 2014 में देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बने और उन्होंने केदारनाथ पुनर्निर्माण का जिम्मा अपने हाथों यानि केन्द्र सरकार ने लिया तो लोगों की वो आशा  पूर्ण विश्वास में बदल गयी। शिवभक्त मोदी 6 बार श्री केदारनाथ दर्शन के लिए आ चुके है और उनकी दूरगामी सोच का ही नतीजा है कि आज श्री केदारनाथ धाम में लाखों यात्रियों का आना, मोदी का सनातन के प्रति अडिग विश्वास का ही प्रमाण है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से लोगों में सनातन के प्रति अलख जगाई है अब देश को राम राज्य बनने से कोई नही रोक सकता। पोस्ती कहते हैं मोदी के विज़न में प्रदेश के मुख्यमत्री पुष्कर सिंह धामी भी उनसे कंधा से कंधा मिलाते आगे बढ़ रहे है। केदारनाथ की विधायक शैलारानी रावत ने भी जिस तरह से स्थानीय लोगों को आय के स्त्रोत प्रदान कराने में अग्रणी भूमिका निभाई उससे भी लोगों में एक पॉजिटिव ऊर्जा आई।

बीकेटीसी के सदस्य एवं वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित श्री निवास पोस्ती का मानना है कि उच्च हिमालय क्षेत्र में विपरीत परिस्थितियों के बाद भी इतनी बड़ी यात्रा को सुचारु रुप से आगे बढ़ाना किसी युद्ध जैसी चुनौती से कम नहीं है। इसमें जिला प्रशाशन और मंदिर समिति का भी अद्वितीय योगदान रहा है। इस यात्रा के सफल संचालन में स्थानीय लोगों का बड़ा योगदान रहता है,जिसमें घोड़े खच्चर वाले,डंडी-कंडी वालो से लेकर छोटे व्यवसायी सब शामिल है। हैली कम्पनीयों की वजह से अब वृद्ध व चलने में असमर्थ लोग भी आसानी से भोले बाबा के दर्शन कर पा रहे है।

होटल एसोसिएशन,व्यापार संघ,स्थानीय जनता और श्रीसभा(तीर्थ पुरोहित समाज) द्वारा “अतिथि देवों भव:” की तर्ज पर बाहर से आने वाले यात्रियों का दिव्य एव भव्य स्वागत किया जाता है। श्री निवास पोस्ती  कहते हैं कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जिस प्रकार केदार बाबा पर अटूट विश्वास है, और उनके मार्ग दर्शक में जिस प्रकार केदार पुरी को दुबारा विश्व मानचित्र पर सजाने संवारने का कार्य हुआ है।

उसी का नतीजा है कि हर वर्ष केदारनाथ धाम में लाखों की संख्या में यात्री आ रहे है,जबकि पिछले साल 2022 में 15 लाख 63 हजार से अधिक तीर्थ यात्री पहुंचे थे,तो वही इस साल अभी तक 16 लाख, 30 हजार से अधिक तीर्थ यात्री बाबा केदार के दर्शन किए आ चूके है,जो की ऐतिहासिक रिकॉर्ड है।यहां आने से देश विदेश के यात्रियों को यहां की आबो हवा का रसपान करने से यहां के लोगों से मिलने के बाद वो यही रहने की इच्छा जाहिर करते हैं।

उनको लोगों से अथाह प्यार,आदर सत्कार मिलता है और वह जीवन के प्रति एक सकारात्मक दृष्टिकोण को लेकर आगे बढ़ते है और उनको दो चीजों का आभास हो जाता है पहली कि “पहाड़ की सड़कें टेढ़ी-मेढी हैं, लेकिन लोग सीधे साधे हैं और दूसरा इसलिए क्योंकि आखिर इस राज्य को देवभूमि कहा जाता है। क्योंकि यहां के कंकड-कंकड में शंकर बसते हैं। इतनी बड़ी यात्रा का सुचारु रूप से संचालन करना

बिना पूर्व तैयारी के संभव नही है मै पूरे जिला प्रशाशन को और मंदिर समिति का धन्यवाद करता हूं। आप आने वाले वर्षो में भी इसी तरह से यात्रा को अविरल रूप से चलाने में अपनी अहम भूमिका निभाते रहे, यही भगवान शिव शंकर से प्रार्थना करता हूं।

आख़िर में वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित एवं बीकेटीसी सदस्य श्रीनिवास पोस्ती कहते हैं कि केदारनाथ धाम की पवित्रता को बनाएं रखने के लिए सभी से निवेदन करूंगा कि अपने निजी स्वार्थ, सोशल मीडिया पर हाई लाइट होने से बचें। कोई भी तीर्थ पुरोहित समाज, स्थानीय जनता और तीर्थ यात्री ऐसा कृत्य सोशल मीडिया में ना करें, जिससे धाम के साथ-साथ प्रदेश व देश की बदनामी ना हो। इसके लिए मिलकर उचित प्लेटफार्म, संबंधित व्यवस्था संचालकों से बैठकर वार्ता हो।