आज सूर्य ग्रहण है। इस दौरान उत्तराखंड के चारों धाम बंद किए गए हैं। मंगलवार शाम को ग्रहण काल समाप्त होने के बाद मंदिरों में साफ सफाई कर द्वार खोले जाएंगे और पूजा की जाएगी। इस दौरान श्रद्धालुओं को दर्शनों की अनुमति नहीं होगी।
ग्रहण की वजह से गोवर्धन पूजा 25 अक्टूबर की जगह 26 अक्टूबर और भैया दूज 27 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस साल का दीपोत्सव पांच दिन की जगह 6 दिन का होगा। ग्रहण लगने के 12 घंटे पहले से सूतक काल प्रभावी हो गया है।
ग्रहण का भारत समेत दुनिया के कुछ हिस्सों में देखा जा सकता है। ग्रहण के दिन बदरीनाथ, केदारनाथ सहित चारों धाम बंद हैं। ग्रहण से ठीक पहले उत्तराखंड के सभी मंदिर बंद कर दिए गए। ग्रहण समाप्ति पश्चात मंदिरों में साफ सफाई कर शाम की पूजा और आरती संपन्न होंगी।
पंचांग गणना के अनुसार 25 अक्टूबर मंगलवार प्रात: चार बजकर 26 मिनट से शाम पांच बजकर 32 मिनट ग्रहणकाल में मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे।
गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट बंद
सूर्य ग्रहण के सूतक काल के चलते गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट बंद कर दिए गए हैं। गंगोत्री धाम में सुबह 7:00 बजे गंगा आरती के बाद कपाट सूतक काल के चलते गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष और अन्य तीर्थ पुरोहितों ने बंद किए।