उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अब केवल एक महीना ही रह गया है। ऐसे में अलग अलग पार्टियों के अलग अलग दांव देखने को मिल रहे हैं। ओबीसी नेता और यूपी के मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या ने पार्टी छोड़ भाजपा को बड़ा झटका दिया है। इस बीच अगर उनके सहयोगी भी उनके साथ चल देते हैं तो ये भाजपा के लिए हार का सबब बन सकता है। बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्या ने भाजपा छोड़ सपा का दामन थाम लिया है। उनके साथ साथ 4 विधायक और सपा में जाने को तैयार हैं। उनमें से एक विधायक के किडनैप होने की खबर सामने आई थी। हालांकि ये सिर्फ एक अफवाह थी। विधायक ने खुद इस पर सफाई दी है।
बता दें कि बीजेपी नेता विनय शाक्य भी सपा में शामिल होने वाले नेताओं में से एक हैं। इस बात के सामने आने के कुछ समय बाद ही उनकी बेटी ने एक बयान जारी किया। जिसमें उन्होंने अपने पिता के किडनैप होने की बात कही। उन्होंने कहा कि “आप सब जानते हैं कि कुछ सालों पहले मेरे पिता पैरालाइज हो गए थे, उसके बाद से वो चल नहीं पाते हैं। मेरे चाचा देवेश शाक्य ने इसका फायदा उठाया और उनके नाम पर अपनी राजनीति करने लगे। आज उन्होंने सारी हदें पार कर दीं और जबरदस्त मेरे पिता को घर से उठा ले गए और सपा जॉइन करने के लिए लखनऊ चले गए।”
मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि “मैं आपको बताना चाहती हूं कि हम बीजेपी के लिए काम कर रहे हैं और हमेशा पार्टी के साथ खड़े रहेंगे। जब मेरे पिता बीमार थे तो हमारी किसी ने मदद नहीं की थी, बस मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने की थी।” हालांकि बुधवार के दिन विधायक को उनके घर पर ही पाया गया। जिसकी तस्वीर भी सोशल मीडिया पर शेयर की गई। जब उनसे इस पूरे मामले का जिक्र किया गया तो उन्होंने इससे साफ इंकार किया। उन्होंने कहा कि “मेरी बेटी ने जो कुछ भी कहा, उसमें कोई सच्चाई नहीं है।”