यूक्रेन और रूस के बीच जंग आज भी जारी है। आज जंग का दसवां दिन है। इन 10 दिनों में दोनों देशों के साथ साथ दुनिया भर के लगभग सभी देशों का भी काफी नुकसान हो रहा है। इस जंग में अब तक यूक्रेन रूस का सामना कर रहा था। लेकिन अब यूक्रेन को अपने की साथियों का सामना करना पड़ रहा है। जानकारी के अनुसार यूक्रेन के पूर्व पीएम ने राष्ट्रपति वोल्डोमीर जेलेंस्की (Volodymyr Zelensky) के खिलाफ ही आरोप लगाया है। पूर्व पीएम माइकोला अजारोव का कहना है कि रूस की सेना को जैपरेजिया परमाणु बिजली संयंत्र पर हमला करने के लिए उसको उकसाया गया था।
उन्होंने कहा कि जैपोरेजिया न्यूक्लियर पावर प्लांट पर हमला करने के लिए राष्ट्रपति वोल्डोमीर जेलेंस्की ने ही भड़काया था। जिसके बाद ये हादसा पेश आया। मीडिया से बात करते हुए माइकोला अजारोव ने कहा कि “जेलेंस्की ने न्यूक्लियर पावर प्लांट को लेकर उकसावेभरी कार्रवाई की थी, ताकि पश्चिमी देशों को यूक्रेन में नो फ्लाई जोन लागू करने के लिए मनाया जा सके।”
पूर्व पीएम द्वारा लगाए गए आरोप में कहा गया कि “परमाणु संयंत्र के आसपास गश्त लगा रहे रूसी नेशनल गार्ड पर यूक्रेनी के तोड़फोड़ करने वाले गुटों ने अंधाधुंध फायरिंग की थी। ये हमले संयंत्र के पास की शैक्षणिक औऱ प्रशिक्षण वाले परिसरों की इमारतों से किए गए। हालांकि यूक्रेन के इन समूहों की गोलाबारी का जवाब दिया गया।” पूर्व पीएम ने राष्ट्रपति वोल्डोमीर जेलेंस्की पर आरोप लगाते हुए कहा कि “यह जानबूझकर भड़काने वाली कार्रवाई थी। दरअसल रूस या यूक्रेन के सैनिक कभी यूरोप के इस सबसे बड़े न्यूक्लियर पावर प्लांट में ऐसी उकसावे भरी कार्रवाई नहीं कर सकते हैं। इस परमाणु संयंत्र में छह न्यूक्लियर रिएक्टर हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि “ट्रेनिंग सेंटर में लगी मामूली आग भी इस परमाणु बिजली संयंत्र में आपात स्थिति पैदा कर सकती है। ऐसे में सबसे पहले ये कहा जा सकता है कि यह पूरी तरह सो से सोची समझी उकसावे भरी कार्रवाई थी। दूसरा जेलेंस्की का इस पर त्वरित प्रतिक्रिया आना और अमेरिका और ब्रिटेन को गलत जानकारी देना भी यह साबित करता है कि यह पूर्व नियोजित था। यूक्रेन के आसमान में नो फ्लाई जोन लागू करवाने के लिए ऐसी कवायद की गई थी।”