जब बात परिवार में खुशियों की आती है, तो सारे गिले-शिकवे एक तरफ करके परिवार एकजुट दिखने लगता है। यह किसी किस्से या कहानी की बात नहीं बल्कि महाराष्ट्र में ग’द्दीनशी’न होने जा रही ठाकरे परिवार की एकजु’टता की बात है। बता दें कि शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे की राजनी’तिक विरा’सत के उत्तराधिकारी होने के विवा’द पर उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के बीच के रिश्ते में म’नमु’टाव और त’नाव ने जगह बना ली थी, और बाल ठाकरे ने उद्धव ठाकरे को शिवसेना की कमान सौंप दी थी। जिसके बाद राज ठाकरे ने महाराष्ट्र नवनिर्माण से’ना के नाम से अपनी एक अलग पा’र्टी बना ली थी। और इसके बाद राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे सिर्फ़ बाल ठाकरे को श्रद्धां’जलि देने या किसी पारिवारिक अवसर पर ही साथ दिखाई पड़ते थे।
लेकिन जब बीच में एक बार उद्धव ठाकरे की तबियत ख़’राब हुई तो राज ठाकरे ख़ुद गाड़ी ड्राइव करके उन्हें अस्प’ताल लेकर गए थे। इसी तरह अब जबकि ठाकरे परिवार एक ऐतिहा’सिक दिन का सा’क्षी बनने जा रहा है। इस 28 नवंबर के दिन जब शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे के बेटे उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री प’द की श’पथ लेने जा रहे हैं, तो यह पहली बार है जब ठाकरे परिवार का कोई सदस्य स’त्तारू’ढ़ होने जा रहा है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परि’णामों की घो’षणा के बाद से ही बीजेपी और शिवसेना ग’ठबं’धन में चल रही त’नात’नी और उ’ठाप’टक की ख़बरों पर मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने चु’प्पी साध रखी थी। लेकिन अब ठाकरे परिवार के लिए इस ऐतिहासिक मौके पर जब भाई उद्धव ठाकरे ने राज ठाकरे को स्वयं अपने मुख्यमंत्री प’द के श’पथ ग्रह’ण समारोह में शरी’क होने का न्यो’ता दिया है, तो राज ठाकरे ने भी इसे स्वी’कार करने में एक पल की भी देर नहीं की और इस ऐतिहासिक प’ल का साक्षी बना तुरंत स्वीकार कर लिया और अब वो भी पहुँच चुके हैं। कुछ ही पलों में वो ऐतिहासिक पल भी आने वाला है उद्धव ठाकरे भी यहाँ पहुँच चुके हैं।
महाराष्ट्र की राजनीति के जानकारों का मानना है, कि यह अवसर राजनीतिक कार’णों से बिछड़े दोनों भाइयों को राजनीतिक अवसर पर फिर से एक कर देगा। कहा जा रहा है कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार, राज ठाकरे के क़रीबी माने जाते हैं, जो अब उद्धव ठाकरे के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बना रहे हैं, तो इस बात की पूरी संभा’वना है कि शरद पवार दोनों भाइयों के म’नमु’टाव को दू’र करके पास लाने की एक महत्वपूर्ण कड़ी की भूमिका निभा सकते हैं।