मुंबई बनता जा रहा हादसों का शहर, पिछले छह महीनों में 264 लोगों की मौत

0
182

मुंबई। मुंबई शहर हादसों का शहर बनता जा रहा है। बीते 6 महीने में 264 लोगों की मौत सड़क हादसों में हुई है। हादसों की वजह जानने निकली ट्रैफिक पुलिस ने पूरे शहर में 71 ऐसी जगहों को तलाशा है जहां सबसे ज्यादा हादसे होते हैं।
मुम्बई में मौत के 71 ठिकाने, यह दावा हम नहीं कर रहे हैं बल्कि मुम्बई ट्रैफिक पुलिस ने पूरे मुम्बई शहर में 71 ऐसे ब्लैक स्पॉट को चिन्हित किया है जहां साल 2015 में सबसे ज़्यादा एक्सीडेंट हुए हैं और मौतें हुई हैं। अगर आंकड़ों पर नज़र डालें तो पिछले ६ महीने में मुम्बई के सड़कों पर सफर करते वख्त 264 लोगों ने अपनी जाने गंवाई है और 1729 से ज़्यादा लोग हादसों में चोटिल हुए हैं और पूरे शहर में पिछले ६ महीने में 13257 सड़क हादसे हुए हैं।
ट्रैफिक विभाग की इस रिपोर्ट ने एक बार फिर प्रशासन और मुंबईकरों की आँखें खोल दी हैं। मुंबई ट्रैफिक पुलिस ने जब इन हादसों की वजह पता लगाने की कोशिश की तो उसे मायानगरी में मौत के उन ठिकानों की जानकारी मिली जहां सबसे ज्यादा हादसे होते हैं। ट्रैफिक पुलिस के मुताबिक मुंबई में कुल 71 ऐसी जगहें हैं जहां सबसे ज्यादा हादसे होते हैं।
मुम्बई पुलिस ने इस मामले में कहा कि हमने यह देखा बार बार एक्सीडेन्ट देखे है जहा पर बार बार वारदात होती रहती है और हमने इसकी रिपोर्ट बनाई जिसमे 71 जगहे दिखाई जहा पर ज्यादा एक्सीडेन्ट होते हैं।
आईबीएन 7 की टीम ने भी मौत के इन ठिकानों का जायजा लिया और पता लगाने की कोशिश की कि आखिर इन्ही जगहों पर ज्यादा हादसे क्यों होते हैं।
ईस्टर्न एक्सप्रेस हाइवे पर मौजूद गोदरेज सिगनल पर 2015 में 4 जानलेवा हादसे हुए थे। आसपास रहने वाले लोगों का कहना है कि एक्सप्रेस हाइवे होने के चलते यहां गाड़ियों का रफ्तार बहुत तेज होती है और अक्सर रफ्तार के चक्कर में गाड़ी वाले सिगनल को अनदेखा कर देते हैं।
पुष्पा पार्क इलाके में भी हाईवे से अचानक बाईं ओर रास्ता मुड़ता है। जिसके चलते ड्राइवरों को कन्फ्यूजन हो जाता है और हादसे की वजह बनता है। 2015 में इस जगह पर हुए चार हादसों में 5 लोगों की मौत हुई थी।
BKC और बांद्रा फ्लाइओवर का ये पूरा इलाका ड्राइवरों के लिए किसी बड़े कन्फ्यूजन से कम नहीं। अगर आप इस इलाके में पहली बार आएंगे तो आपको सही रास्ता चुनने में काफी दिक्कत आ सकती है और यही मुश्किल कई बार हादसे की वजह बनती है।
ट्रैफिक पुलिस ने अपनी पड़ताल के बाद पाया कि सड़कों की डिजाइनिंग में गड़बड़ी है। जिसके चलते लोगों को सिगनल सही तरीके से नजर नहीं आते। रास्ता समझाने वाले साइन बोर्ड्स की भी कमी है। अहम जगहों पर स्पीड ब्रेकर्स की कमी है। पुलों से उतरते ही मोड़ हैं जिनसे हादसों की संभावना बढ़ जाती है। जगह-जगह मौजूद गड्ढे भी हादसों की बड़ी वजह हैं। ट्रैफिक पुलिस ने पीडब्लूडी और राज्य सरकार को चिट्ठी लिखकर इन बातों की जानकारी दी है। साथ ही इनमें हर संभव सुधार किए जाने की भी मांग की है।