ठाकरे और शिंदे की लड़ाई के बीच चुनाव आयोग का आदेश, शिवसेना पर अधिकार साबित करें…

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महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की सरकार को गिरे काफी समय हो चुका है। लेकिन अब तक सियासत गर्मा रही है। एक तरफ एकनाथ शिंदे अपनी पकड़ मजबूत करने में जुटे हुए हैं तो दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे उनको गिराने की कोशिशों में लगे हुए हैं। बताते चले कि इस बीच अब ये सियासत नया मोड़ लेती नजर आ रही है। दरअसल, चुनाव आयोग के एक आदेश ने सबको हिला कर रख दिया है। बीते कई समय से जल रही इस राजनीतिक आग में चुनाव आयोग ने घी झोंक दिया है।

सूत्रों की माने तो चुनाव आयोग ने टीम ठाकरे और एकनाथ शिंद गुट से ‘शिवसेना’ पर अपना अधिकार साबित करने को लेकर दस्तावेज जमा करने का आदेश जारी किया है। इसके लिए चुनाव आयोग ने दोनों ही गुट को 8 अगस्त तक का समय दिया है। बताते चलें कि दोनों गुटों द्वारा एक दूसरे पर आरोप लगाए जा रहे हैं। बता दें कि इस बीच राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का दावा है कि उनके पास शिवसेना के 40 विधायक और 12 सांसदों का समर्थन है।

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शिवसेना ने कुछ ही दिनों में उद्धव ठाकरे की सरकार को नष्ट कर दिया। जिस रफ्तार से शिंदे आगे बढ़ रहे हैं उसको देखते हुए लग रहा है कि वह जल्दी ही शिवसेना से भी उद्धव ठाकरे का नामोनिशान मिटा देंगे। बता दें कि इस मामले की सुनवाई अब तभी की जाएगी जब दोनों गुटों द्वारा दस्तावेज जमा कर दिए जाएंगे। एकनाथ शिंदे द्वारा लिखे गए एक पत्र में कहा गया था कि उद्धव ठाकरे द्वारा नियुक्त शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी भंग कर दी गई है और उन्होंने एक नई कार्यकारिणी का गठन किया है।