बीते कुछ समय से भारत में कोरोना के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है। इस बीच वायरस ने पूरे देश में सबसे ज्यादा महाराष्ट्र को प्रभावित किया। हालांकि और राज्यों में भी कोरोना मरीजों में कमी नहीं है, लेकिन महाराष्ट्र में ये मामले कुछ ज्यादा ही हैं। ऐसे में स्वास्थ्य सुविधाओं पर जबरदस्त दबाव पड़ रहा है। इस बीच BMC ने एक बड़ा फैसला लिया है। इस फैसले के चलते अब बृहन्मुंबई नगर निगम की मेडिकल टीम घर घर जाकर मरीजों का टेस्ट करेगी। जानकारी के मुताबिक सिर्फ उन ही मरीजों का टेस्ट किया जाएगा जिनमें कोरोना के लक्षण दिखाई दिए गए हैं।
बता दें कि ये गाइडलाइन 25 अप्रैल यानी रविवार से लागू की जाएगी। इसके तहत रविवार को ही बृहन्मुंबई नगर निगम की मेडिकल टीम घर जा कर पहला टेस्ट करेगी। मरीजों को बेड देने से पहले उन सभी का टेस्ट किया जाएगा और इस टेस्ट के लिए बीएमसी से सिविक डॉक्टर और अधिकारी जाएंगे। गाइडलाइन के मुताबिक चेकअप के बाद उन्हें वार्ड लेवल वॉर रूम के जरिए बेड अलॉट किया जाएगा। हर सिविक जोन में 10 टीमें रहेंगी। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि सभी टीमों के साथ एक एंबुलेंस भी रहेगी।
हाल ही में मुंबई पुलिस द्वारा एक और डेवलपमेंट किया गया था। लेकिन अब उसको खतम कर दिया गया है। बता दें कि पुलिस ने गाड़ियों पर स्टिकर लगाने का आदेश जारी किया था। इस आदेश के चलते जरूरी सेवा में लगी गाड़ियों की आवाजाही के लिए लाल, पीले और हरे रंग के स्टिकर लगाने को कहा गया था। जिससे पता लगाया जा सके कि कौनसी गाड़ी किस चीज की है। मेडिकल सेवा के लिए लाल, सब्जियों की गाड़ी के लिए हरा और अन्य अत्यावश्यक सेवाओं के लिए पीला स्टिकर तय किया गया था। लेकिन अब महाराष्ट्र पुलिस ने अपने इस आदेश को रद्द कर दिया है।