देश में कोरोना की दूसरी लहर से मची तबाही के बाद कोरोना के मामलों में काफी कमी आई है। लेकिन अब एक बार फिर धीरे धीरे मामलों में बढ़ोतरी होने लगी है। जिसको देखते हुए अब लोगों का मानना है कि देश में कोरोना की तीसरी लहर का आगाज हो गया है। जानकारी के मुताबिक देश में बीते दिन कोरोना के 43 हजार से ज्यादा नए मामले दर्ज किए गए हैं। इस बीच ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के पूर्व निदेशक डॉ. एमसी मिश्र का दावा है कि अभी कोरोना की तीसरी लहर नहीं आई है। उन्होंने कहा कि बढ़ते मामलों का ये मतलब नहीं कि कोरोना की तीसरी लहर आ गई है।
उन्होंने कहा कि “मामले बढ़ने के बाद कुछ लोगों की ओर से कहा जा रहा है कि भारत में तीसरी लहर ने दस्तक दे दी है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि मामले लगातार घटने के बाद फिर बढ़ना शुरू हुए हैं। हालांकि वैज्ञानिक रूप से ऐसा कहना सही नहीं है। मामलों में थोड़ी-बहुत घट-बढ़ हो सकती है।” बात को जारी रखते हुए उन्हें कहा कि “देश में कोविड की तीसरी लहर की पुष्टि तब तक नहीं की जा सकती जब तक कि पिछली यानि की कोविड की दूसरी लहर के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंचे कुल मामलों के एक तिहाई कोरोना केस भारत में नहीं आ जाते। इसे ऐसे समझ सकते हैं कि भारत में मार्च 2021 के बाद दूसरी लहर शुरू हुई। इस दौरान कोरोना के सबसे ज्यादा एक दिन में चार से सवा चार लाख केस रोजाना आए। यह दूसरी लहर की सर्वोच्च संख्या थी।”
एक इंटरव्यू के दौरान डॉ. मिश्र ने कहा कि “देश में कोरोना के मामलों में रोजाना जो तब्दीली आ रही है उसके पीछे नई लहर न होकर कुछ और वजहें हो सकती हैं। जैसे कि जांचों की संख्या बढ़ना, कोरोना मरीजों के बढ़ते संपर्क के चलते लोगों का पॉजिटिव होना या जिन राज्यों में पहले से कोरोना के मामले ज्यादा हैं जैसे दक्षिणी राज्य, महाराष्ट्र या पूर्वोत्तर के राज्यों में तो वहां अभी भी कोरोना के मरीज बढ़ रहे हैं। वहीं कोरोना के वेरिएंट में बदलाव भी इसका कारण हो सकता है।”