कोरो’नावाय’रस के के’हर देश भर में बढ़ता ही जा रहा है। इससे बचाव के लिए जारी किया गया लॉ’क डा’उन भी अब समा’प्त हो चुका है। ऐसे माहौल में सरकार लोगों को लेकर बहुत ज़्यादा चिंति’त है। सरकार का मानना है कि अगर लोग नि’यमो का पालन नहीं करते है तो इस वाय’रस के फैलने का खत’रा बढ़ सकता है। ऐसे में स्वास्थ्य मंत्रालय के दो जन स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने राहत भरी खबर दी है। उनका मानना है कि कोरो’ना वाय’रस की ये महामा’री मध्य सितंबर के आस पास ख़त’म हो सकती है। बता दें कि इन्होंने इसके रिजल्ट तक पहुंचने के लिए गणितीय प्रारूप पर आधारित विश्लेषण का स’हारा लिया। विश्लेषण द्वारा ये पता चलता है कि अगर गुणांक 100 प्रतिशत पर पहुंच जाएगा तो यह महामा’री ख’त्म हो जाएगी। यह विश्लेषण ऑनलाइन जर्नल एपीडेमीयोलॉजी इंटरनेशनल में प्रकाशित हुआ है। यह अध्ययन स्वास्थ्य मंत्रालय में स्वास्थ्य सेवाएं महानिदेशालय (डीजएसएच) में उप निदेशक (जन स्वास्थ्य) डॉ अनिल कुमार और डीजीएचएस में उप सहायक निदेशक (कुष्ठ रोग) रूपाली रॉय ने किया है।
बता दें कि उन्होंने इसके रिजल्ट तक पहुंचने के लिए बेली के गणितीय प्रारूप को इस्तेमाल में लिया है। यह गणितीय प्रारूप किसी भी महामा’री को पूरे आकार के बांटने पर विचार करता है। जिसमें संक्रम’ण और इससे उबरना, दोनों ही शामिल हैं। बताया जा रहा है कि ये प्रारूप लगातार संक्र’मण प्रकार के रूप में पेश किया गया। जिसके चलते संक्रमि’त म’रीज़ को संक्र’मण का असर तब तक रहेगा जब तक की वो म’रीज़ ठीक नहीं हो जाता या फिर उसकी मौ’त नहीं हो जाती और साथ ही साथ इस संक्र’मण की कुल संख्या और रोग से उबरने की कुल संख्या के बीच संबंध के नतीजे प्राप्त करने का भी विश्लेषण किया गया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत में ये वाय’रस 2 मार्च से फैलना शुरू हुआ था और तबसे ही कोरो’नावाय’रस से संक्रमि’त म’रीजों की संख्या बढ़ती गई। विश्लेषण के लिए विशेषज्ञों ने भारत में कोरो’नावाय’रस के एक मार्च से 19 मार्च तक दर्ज किये गये मामलों, संक्रम’ण मुक्त हो चुके मामले और मौतों से जुड़े आंकड़े लिये। रिपोर्ट्स के मुताबिक बेलीज रिलेटिव रिमूवल रेट (बीएमआरआरआर), कोविड-19 के सांख्यिकीय विश्लेषण (लिनियर), के भारत में सांख्यिकीय विश्लेषण से प्रदर्शित हुआ है कि मध्य सितंबर के बीच ‘लीनियर लाइन’ 100 पर पहुंच रहा है जिसके चलते मध्य सितंबर तक वाय’रस के ख’त्म होने की जानकारी दी जा रही है।