सुशांत के घरवालों ने लगाया एक और आरोप, कहा ‘बदमाशों के झुंड में…

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Sushant with sisters and father
Sushant Singh Rajput with his father and sisters before his death

सुशांत सिंह राजपूत केस के चलते तरह तरह की बातें सामने आ रही हैं और अभी तक इस बात का खुलासा नही हुआ है कि किस वजह से सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या की। वहीं सुशांत सिंह राजपूत के परिवार द्वारा एक सनसनीखेज आरोप लगाया गया है। सुशांत के परिवार ने कहा है कि, सुशांत सिंह राजपूत बदमाशोें के झुंड से घिर गए थ। सुशांत की रहस्यमय मौत के तकरीबन दो माह बाद उनक परिवार के नाम पर एक कथित पत्र वायरल हो रहा है। सुशांत सिंह राजपूत के परिवार द्वारा लिखे इस नौ पृष्ठों के इस पत्र में कुछ सीधी तो कुछ इशारे में कही गई हैैं।

सुशांत सिंह राजपूत के जीजा ओपी सिंह हरियाणा के वरिष्‍ठ पुलिस अफसर हैं और अब फिलहाल फरीदाबाद के पुलिस कमिश्‍नर हैं। सुशांत सिंह राजपूत के पिता केके सिंह अभी फरीदाबाद में दामाद ओपी सिंह और बेटी रानी के साथ रह रहे हैं। लिखे गए पत्र की शुरुआत एक शेर के साथ कि गयी हर जो कि फिराक जलालपुरी का शेर है। लिखा है कि, “तू इधर-उधर की न बात कर, ये बता कि काफिला क्यों लुटा, मुझे रहजनों से गिला नहीं, तिरी रहबरी का सवाल है।”

Sushant with sisters
Sushant Singh Rajput with family and sisters

सुशांत सिंह राजपूत का शव 14 जून को मुंबई के बांद्रा में मौजूद उनके फ्लैट में पाया गया था। तभी से तरह तरह की बातें सामने आ रही हैं, कोई कुछ कहता है तो कोई अपने पास से कुछ भी बोल देता है। अब सुशांत सिंह राजपूत की बहन मीतू सिंह द्वारा जारी किए गए इस पत्र ने कई चीज़ें सामने ला दी हैं। लिखे गए पत्र में रिया चक्रवर्ती और मुंबई पुलिस पर भी गंभीर आरोप हैं तो यह दर्द भी कि चार बहनों और बुजुर्ग पिता को सबक सिखाने की धम’कियां दी जा रही हैं। पत्र में लिखा गया है कि, कुछ साल पहले न कोई सुशांत को जानता था, न उसके परिवार को। आज उसकी हत्या को लेकर करोड़ों लोग व्यथित हैं। नाम चमकाने के लिए कई फर्जी दोस्त-भाई-मामा बन अपनी-अपनी हांक रहे हैं। ऐसे में बताना जरूरी हो गया है कि आखिर सुशांत का परिवार होने का मतलब क्या है?

सुशांत सिंह राजपूत के माता पिता अपना कमाई से खाने पीने वाले लोग थे। उनके पांच बच्चे थे। बच्चों की परवरिश ठीक तरीक़े से हो इसलिये वह गांव छोड़ के शहर आ गए। कभी अपने बच्चों के सपनों पर रोक लगाने की कोशिश नही की। पिता के हवाले बताया गया है कि, पहली बेटी में जादू था। कोई आया और चुपके से उसे परियों के देश ले गया। दूसरी बेटी राष्ट्रीय टीम के लिए क्रिकेट खेली। तीसरी ने कानून की पढ़ाई की तो चौथी ने फैशन डिजाइन में डिप्लोमा किया। सबसे छोटा सुशांत था। ऐसा, जिसके लिए सारी माएं मन्नत मांगती हैं।

लिखे गए पत्र में कहा गया है कि, परिवार को पहला झटका तब लगा जब सुशांत की मां असमय चल बसीं और उस दिन ही सुशांत सिंह राजपूत के सिनेमा में हीरो बनने की बात पता चली थी। अगले आठ-दस साल में वह हुआ, जो लोग सपनों में देखते हैं। लेकिन अब जो हुआ है वो दुश्मन के साथ भी ना हो। एक नामी आदमी को ठगों-बदमा’शों लाल’चियों का झुंड घेर लेता है। कहा जा रहा है उनकी (सुशांत के पिता की) लापरवाही से सुशांत मरा। इतने से मन नहीं भरा तो मानसिक बीमारी की कहानी चला दी। पत्र में यह भी कहा गया है कि, तमाशा करने वाले और तमाशा देखने वाले यह न भूलें कि वे भी यहीं हैं। क्या गारंटी है कि कल उनके साथ ऐसा नहीं होगा? हम देश को उधर लेकर क्यों जा रहे हैं जहां जागीरदार अपने गुर्गों से मेहनतकशों को मरा देते हैैं।

सुशांत सिंह राजपूत के परिवार का सब्र वहां टूट जाता है जब महीने भर के अंदर ही महंगे वकील और नामी पीआर एजेंसी से लैस ‘हनी ट्रैप’ गैंग डंके की चोट पर वापस लौटता है। सुशांत को लूटने-मारने से तसल्ली नहीं हुई। परिवार का भय सही साबित हो जाता है और कहा गया है कि अंग्रेजों के दूसरे वारिस मिलते हैं। दिव्यचक्षु से देखकर बता देते हैं कि ये तो जी ऐसे हुआ है। व्यावहारिक आदमी हैं। पीडि़त से कुछ मिलना नहीं, सो मुलजिम की तरफ हो लेते हैं। पत्र में सुशांत के पिता द्वारा आरोप लगाया गया है कि, अंग्रेजों के एक और बड़े वारिस तो जलियांवाला-फेम जनरल डायर को भी मा’त दे देते हैं। सुशांत के परिवार को कहा जाता हैं कि, तुम्हारा बच्चा पागल था, सुसाइड कर सकता था। सवाल सुशांत की निर्मम हत्या का है। सवाल ये भी है कि क्या वे लोग न्याय की भी हत्या कर देंगे?