पूरे देश में वैक्सीन के मुद्दे को लेकर बहस छिड़ी हुई है। सुप्रीम कोर्ट में भी इस मामले पर लगातार सुनवाई हो रही हैं। इस सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार में बड़ा दावा किया है। केंद्र का कहना है कि हम इस साल के आखिरी महीने तक 18 साल से ज्यादा की उम्र के हर एक नागरिक को वैक्सीन लगा देंगे। सोमवार को हुई बैठक में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि ऑक्सीजन टास्क फोर्स की रिपोर्ट लगभग पूरी हो चुकी है। जिसके बाद जस्टिस भट्ट ने वैक्सीन का मुद्दा सामने रखा। बता दें कि इस मामले में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच सुनवाई कर रही है।
सुनवाई के दौरान वैक्सीन का मुद्दा उठाते हुए जस्टिस भट्ट ने कहा कि “मैं जो एकमात्र समस्या रख रहा हूं, वह पूरे देश को वैक्सीन उपलब्ध कराने को लेकर है। केवल एक चीज जिसे हम संबोधित करना चाहते हैं वह है मूल्य निर्धारण नीति। आप राज्यों से एक दूसरे को प्रतिस्पर्धा करने के लिए कह रहे हैं।” उनकी इस बात पर जनरल मेहता ने कहा कि “कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है। कुछ राज्य अधिक भुगतान करते हैं और अधिक प्राप्त करते हैं और कुछ कम भुगतान करते हैं और कम प्राप्त करते हैं, ऐसा नहीं है।”
सुनवाई के दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ ने केंद्र की नीति के बारे में पूछा। जिसपर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि “कई राज्यों ने वैक्सीन के लिए ग्लोबल टेंडर जारी किया है लेकिन वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां जैसे फाइजर या अन्य की अपनी पॉलिसी है। वह सीधे देश से बात करती हैं राज्य से बात नहीं करती हैं। यह मुद्दा पूरे देश को उपलब्ध वैक्सीन के बारे में नहीं है, हम जानना चाहते हैं कि वैक्सीन की कीमत को लेकर क्या पॉलिसी है। आप राज्यों को वैक्सीन खरीदने को कह रहे हैं और उऩसे एक दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए कह रहे हैं।”