सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, 25 हजार शिक्षकों और कर्मचारियों को नौकरी से हटाने का आदेश!

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सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में 2016 शिक्षक भर्ती घोटाले से जुड़ा अहम फैसला सुनाते हुए 25,000 से अधिक शिक्षकों और स्कूल कर्मचारियों की नियुक्तियां रद्द कर दी हैं। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने इस मामले में पिछले साल हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है।

क्या है मामला?

2016 में स्टेट स्कूल सर्विस कमीशन (SSC) के माध्यम से शिक्षकों की भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित हुई थी, जिसमें 23 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने भाग लिया था। लेकिन भर्ती प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और धांधली के आरोप लगे थे। इस पर कलकत्ता हाई कोर्ट ने अप्रैल 2024 में भर्ती को अवैध घोषित करते हुए सभी नियुक्तियां रद्द कर दी थीं और कर्मचारियों से वेतन वापस लेने का निर्देश दिया था।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला

नियुक्तियां अवैध: सुप्रीम कोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया को “धोखाधड़ी और जोड़-तोड़ से भरी” करार दिया। वेतन वापस करने की जरूरत नहीं: सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के उस आदेश को पलट दिया, जिसमें शिक्षकों को वेतन लौटाने के लिए कहा गया था।

नई भर्ती प्रक्रिया: अदालत ने तीन महीने के भीतर नई भर्ती प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया है। ईमानदार उम्मीदवारों को राहत: जो अभ्यर्थी भ्रष्टाचार में शामिल नहीं थे, उन्हें नई भर्ती में कुछ छूट दी जा सकती है।

दिव्यांग अभ्यर्थियों के लिए राहत: एक दिव्यांग कर्मचारी को नौकरी जारी रखने की अनुमति दी गई है, जबकि अन्य दिव्यांग उम्मीदवारों को नई भर्ती में विशेष रियायतें दी जाएंगी।

इस पूरे घोटाले की CBI जांच को भी हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट 4 अप्रैल को सुनवाई करेगा। इसके अलावा, सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि नई भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष हो ताकि योग्य उम्मीदवारों को न्याय मिले।